झूठे केस, जली हुई झोपड़ी और पिता का दर्द… किसान के बेटे जैनेंद्र की जंग जीती, बनी DSP की प्रेरक कहानी
किसान का बेटा… पिता पर झूठा केस… घर पर हमला… लूटपाट… आगजनी… और फिर जेल!लेकिन इन सबके बावजूद जैनेंद्र कुमार निगम की हिम्मत नहीं टूटी। जीवन ने उन्हें हर मोड़ पर परखा, पर उन्होंने हार मानना नहीं सीखा। आज वही जैनेंद्र MPPSC में 12वीं रैंक लाकर DSP बने हैं, और उनकी कहानी पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है।
सरकारी स्कूल से पढ़ाई, किसान का बेटा और संघर्षों की शुरुआत
जैनेंद्र के पिता केशव कुमार किसान हैं और माता कुसुम देवी गृहणी। अपनी प्रारंभिक शिक्षा जैनेंद्र ने गांव के सरकारी स्कूल से ही पूरी की। सीमित संसाधन और साधारण जीवन के बावजूद उनके सपनों की उड़ान हमेशा ऊंची रही।
वो घटना जिसने पूरी जिंदगी बदल दी
गांव में उनकी जमीन और परिवार की स्थिति से ईर्ष्या रखने वाले कुछ लोगों ने उन पर दबाव बनाना शुरू किया।जब जैनेंद्र के परिवार ने जमीन देने से इनकार किया, तब उनके घर पर हमला किया गया...









