Monday, December 15

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ChatGPT 5.2 लॉन्‍च, AI से मुश्किल काम होंगे आसान, फ्री यूजर्स को नहीं मिलेगी सुविधा
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ChatGPT 5.2 लॉन्‍च, AI से मुश्किल काम होंगे आसान, फ्री यूजर्स को नहीं मिलेगी सुविधा

नई दिल्ली: ओपनएआई ने अपना नया ChatGPT 5.2 एआई मॉडल लॉन्‍च कर दिया है। दुनियाभर के यूजर्स के लिए उपलब्ध यह मॉडल पुराने वर्जन की तुलना में कहीं अधिक सक्षम और स्मार्ट है। ChatGPT 5.2 के जरिए अब कोडिंग, स्प्रेडशीट निर्माण और मुश्किल प्रोजेक्ट्स को आसानी से हैंडल किया जा सकेगा। तीन मॉडल में उपलब्ध:ChatGPT 5.2 को तीन अलग-अलग मॉडल्स में पेश किया गया है – ChatGPT 5.2 इंस्टेंट ChatGPT 5.2 थिंकिंग ChatGPT 5.2 प्रो हालांकि, शुरुआत में केवल पेड सब्सक्रिप्शन यूजर्स इसका लाभ उठा पाएंगे। इसमें ‘प्लस’, ‘प्रो’, ‘बिजनेस’, एंटरप्राइज और ‘गो’ प्लान के यूजर्स शामिल हैं। फ्री यूजर्स के लिए फिलहाल यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। कैसे कर पाएंगे इस्तेमाल:इस नए वर्जन को इस्तेमाल करने के लिए किसी डाउनलोड या इंस्टॉलेशन की आवश्यकता नहीं है। जैसे ही अपडेट आपके अकाउंट पर आएगा, आप सीधे इसे इस्तेमाल कर पाए...
रेडिट ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार को कोर्ट में घसीटा, बच्चों के सोशल मीडिया बैन के फैसले को चुनौती
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रेडिट ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार को कोर्ट में घसीटा, बच्चों के सोशल मीडिया बैन के फैसले को चुनौती

सिडनी: ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया को बैन करने के फैसले को चुनौती देते हुए रेडिट ने देश की सबसे बड़ी अदालत में मुकदमा दर्ज किया है। कंपनी का कहना है कि यह कानून लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी में दखल डालता है और ऑस्ट्रेलिया के संविधान के खिलाफ है। क्यों है विवाद:नए कानून के अनुसार, 16 साल से कम उम्र का कोई भी बच्चा YouTube, TikTok, Reddit या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। उल्लंघन करने पर कंपनियों पर 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लगाया जाएगा। रेडिट का पक्ष:रेडिट ने अदालत में दो मुख्य तर्क रखे हैं: यह कानून लोगों के संवाद और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करता है। अगर कोर्ट इसे वैध मानती भी है, तो रेडिट को इससे छूट मिलनी चाहिए, क्योंकि रेडिट का प्लेटफॉर्म इस कानून के ढांचे में पूरी तरह फिट न...
धुरंधर के ‘रहमान डकैत’ जैसा लुक अब आप भी अपना सकते हैं, Gemini AI पर ये 3 प्रॉम्प्ट करेंगे काम
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धुरंधर के ‘रहमान डकैत’ जैसा लुक अब आप भी अपना सकते हैं, Gemini AI पर ये 3 प्रॉम्प्ट करेंगे काम

नई दिल्ली: अक्षय खन्ना के धुरंधर फिल्म के चर्चित सीन में रहमान डकैत का अंदाज ऐसा है कि हर कोई उसे अपनाना चाहता है। अब यह मुमकिन है, और वह भी AI की मदद से। जेमिनी AI पर कुछ आसान प्रॉम्प्ट्स का इस्तेमाल करके आप हू-ब-हू अक्षय खन्ना के रहमान डकैत लुक में अपनी फोटो बना सकते हैं। कैसे करें ट्राई:सबसे पहले Gemini AI Studio पर जाएं। यहां अपना फेस अपलोड करें, नीचे दिए गए प्रॉम्प्ट में से किसी एक का इस्तेमाल करें और Run दबाएं। कुछ ही सेकेंड में आपकी फोटो तैयार हो जाएगी। तीन खास प्रॉम्प्ट: पहला प्रॉम्प्ट:"Ultra realistic, cinematic full-body portrait of the same young man from the reference photo… stylish man stepping out confidently from a wooden shaded doorway, wearing full black outfit, sunglasses, dramatic desert lighting, cinematic shadows, two men following him, rustic village backdro...
बटन दबाते ही मिलेगा गर्म पानी, 5 हजार रुपये से कम में मिल रहे ब्रांडेड गीजर
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बटन दबाते ही मिलेगा गर्म पानी, 5 हजार रुपये से कम में मिल रहे ब्रांडेड गीजर

नई दिल्ली: सर्दियों के मौसम में गीजर हर घर की जरूरत बन गए हैं। नहाने से लेकर कपड़े धोने और किचन के काम आसान हो गए हैं। अगर आपने अभी तक गीजर नहीं लगवाया है और बजट टाइट है, तो इंस्टेंट गीजर आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। ये गीजर पानी स्टोर नहीं करते, बल्कि जरूरत के अनुसार तुरंत गर्म पानी उपलब्ध कराते हैं। कम कीमत में बेहतरीन विकल्प5000 रुपये से कम में कई ब्रांडेड इंस्टेंट गीजर उपलब्ध हैं, जो छोटे बाथरूम और किचन के लिए उपयुक्त हैं। V-Guard Zio 5L इंस्टेंट गीजर: 5 लीटर का छोटा टैंक, 3 kW हीटिंग एलिमेंट। कीमत: 3,749 रुपये, मासिक किस्त 182 रुपये। बैंक कार्ड पर 1000 रुपये तक का इंस्टेंट डिस्काउंट। Orient Electric Aura Rapid Pro 5.9L: 5.9 लीटर टैंक, 3000W कॉपर हीटिंग एलिमेंट। कीमत: 3,299 रुपये, मासिक किस्त 160 रुपये। इंस्टेंट डिस्काउंट उपलब्ध। Havells Signa 5L इंस्टेंट ग...
भारत सरकार ने शुरू की Bharat Taxi ऐप की टेस्टिंग, ओला-उबर-रैपिडो के मनमाने किराए पर लगेगी रोक
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भारत सरकार ने शुरू की Bharat Taxi ऐप की टेस्टिंग, ओला-उबर-रैपिडो के मनमाने किराए पर लगेगी रोक

नई दिल्ली: अब कैब किराए की मनमानी बंद होने वाली है। भारत सरकार ने Bharat Taxi ऐप की टेस्टिंग शुरू कर दी है। यह ऐप न केवल यात्रियों को पीक आवर्स में ऊंचे किराए से राहत देगा, बल्कि ड्राइवरों की कमाई भी बढ़ाने में मदद करेगा। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरूवार को संसद में इसका ऐलान किया। ड्राइवर-ओन्ड कोऑपरेटिव मॉडलभारत टैक्सी ऐप किसी कॉर्पोरेट कंपनी का नहीं है, बल्कि यह ड्राइवरों के अपने सहकारी मॉडल (Cooperative Model) पर काम करेगा। इसका मतलब है कि अब कैब कंपनियों का बड़ा हिस्सा कमाई का ड्राइवरों को मिलेगा। इस ऐप को सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड (STCL) के बैनर के तहत चलाया जाएगा। पीक आवर्स में लगेगी किराए की सीमासरकार ने सभी ऐप आधारित कैब सेवाओं को नियंत्रित करने के लिए ‘मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश 2025’ जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों में यात्रियों की सुरक्षा और किराए पर ...
वॉशिंग मशीन खाती है ज्यादा बिजली? LG के ये आसान टिप्स करें फॉलो, बिल आएगा कम
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वॉशिंग मशीन खाती है ज्यादा बिजली? LG के ये आसान टिप्स करें फॉलो, बिल आएगा कम

नई दिल्ली: वॉशिंग मशीन हर घर की ज़रूरत है, लेकिन इसके इस्तेमाल से बिजली का बिल बढ़ना आम बात हो गई है। नामी कंपनी LG ने कुछ आसान और कारगर तरीके बताए हैं, जिनसे आप मशीन की बिजली खपत घटा सकते हैं और कपड़े भी अच्छे से साफ होंगे। 1. मशीन में लोड सही रखेंLG के अनुसार, वॉशिंग मशीन में बहुत सारे कपड़े एक साथ ठूंस देने से मशीन ज्यादा मेहनत करती है और बिजली भी अधिक खर्च होती है। कपड़े ठीक से घूम नहीं पाते और पानी-साबुन हर हिस्से तक नहीं पहुंच पाता। नतीजा: कपड़े साफ नहीं होते और दोबारा धोना पड़ता है, जिससे बिजली दोगुनी लगती है। इसलिए हमेशा मशीन की क्षमता के अनुसार ही कपड़े डालें। 2. ठंडे पानी का इस्तेमाल करेंवॉशिंग मशीन में सबसे ज्यादा बिजली पानी गर्म करने में लगती है। अगर आप गर्म पानी की बजाय ठंडे पानी से कपड़े धोएं, तो बिल में भारी कमी आएगी। आजकल के नएसाबुन ठंडे पानी में भी अच्छे से काम करते ...
2030 तक भारत का खुद का देसी सुपरकंप्यूटर, आम जनता और देश को होगा बड़ा फायदा
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2030 तक भारत का खुद का देसी सुपरकंप्यूटर, आम जनता और देश को होगा बड़ा फायदा

नई दिल्ली: भारत आत्मनिर्भर तकनीक की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ा रहा है। इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के प्रमुख अमितेश कुमार सिन्हा ने सुपरकंप्यूटिंग इंडिया 2025 सम्मेलन में घोषणा की कि साल 2030 तक भारत पूरी तरह से अपना देसी सुपरकंप्यूटर तैयार कर लेगा। इसके दो साल बाद यानी 2032 तक यह कंप्यूटर मार्केट में भी उपलब्ध हो जाएगा। देश का सुपरकंप्यूटर: पूरी तैयारीअमितेश सिन्हा के अनुसार, भारत अब सिर्फ मोबाइल या टीवी नहीं, बल्कि अत्यधिक ताकतवर कंप्यूटर भी खुद बनाना चाहता है। वर्तमान में हमारे सुपरकंप्यूटर में 50% से अधिक पार्ट्स भारत में बनाए जाते हैं। अगले दस साल में यह प्रतिशत 70% से ऊपर हो जाएगा। सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट निर्माण, चिप पैकिंग और बड़ी फैक्ट्रियों के लिए दस बड़े प्रोजेक्ट मंजूर किए हैं। सुपरकंप्यूटर से आम लोगों को क्या फायदा होगा?इस तकनीक से भारत में कई क्षेत्रों में क्...
अमेरिका ने AI में चीन को पीछे छोड़ने की तैयारी, अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बनाएगा
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अमेरिका ने AI में चीन को पीछे छोड़ने की तैयारी, अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बनाएगा

नई दिल्ली: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की रेस में अमेरिका ने चीन को पछाड़ने के लिए एक बड़ा और अनोखा कदम उठाया है। अमेरिकी कंपनी एथरफ्लक्स अब अंतरिक्ष में AI डेटा सेंटर बनाने जा रही है। कंपनी ने इसे ‘गैलेक्टिक ब्रेन’ नाम दिया है। अंतरिक्ष में डेटा सेंटर की खासियतधरती पर AI को ट्रेन करने और चलाने के लिए बड़े-बड़े डेटा सेंटर बहुत ज्यादा बिजली खपत करते हैं। यह न केवल महंगा है बल्कि ठंडा करने में भी भारी बिजली लगती है। एथरफ्लक्स ने बताया कि अंतरिक्ष में ठंड और सूर्य की रोशनी का इस्तेमाल कर डेटा सेंटर को लगातार ठंडा और बिजली प्रदान किया जा सकेगा, यानी आम के आम और गुठलियों के भी दाम। कंपनी 2026 में अपना पहला सोलर सैटेलाइट लॉन्च करेगी और 2027 के शुरुआती तीन महीनों में ‘गैलेक्टिक ब्रेन’ का पहला डेटा सेंटर अंतरिक्ष में भेजेगी। ये सैटेलाइट धरती की ऑर्बिट में रहेंगे और इंफ्रारेड लेजर के माध्यम स...
2030 तक घरों में पहुंचेगी बिजली बिना तार के, लेजर तकनीक करेगी कमाल
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2030 तक घरों में पहुंचेगी बिजली बिना तार के, लेजर तकनीक करेगी कमाल

नई दिल्ली: क्या आपने कभी सोचा है कि बिजली बिना तार के आपके घर तक पहुंच सकती है? सुनने में यह चौंकाने वाला लगता है, लेकिन वैज्ञानिक इसे सच करने की दिशा में काम कर रहे हैं। 2030 तक यह तकनीक आम घरों में देखने को मिल सकती है। पहले भी हो चुके हैं सफल प्रयोगटाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017 में डिज़नी रिसर्च ने एक पूरा कमरा बनाया था, जिसमें कोई तार नहीं था। कमरे की दीवारें मेटल की थीं और बीच में तांबे का खंभा लगा था। इससे पूरे कमरे में मैग्नेटिक एरिया बना और फोन, लाइट, पंखे सभी हवा से बिजली ले रहे थे।साल 2021 में टोक्यो यूनिवर्सिटी ने ऐसा घर जैसा कमरा तैयार किया, जिसमें छुपी प्लेटों के माध्यम से उपकरण बिना तार के चार्ज हो रहे थे और यह पूरी तरह सुरक्षित था। भविष्य में यह कैसे काम करेगालंबी दूरी तक बिना तार बिजली पहुंचाने के लिए लेजर किरण का इस्तेमाल किया जाएगा। बिजली को माइक्र...
बिना कैमरे वाला iPhone: यह फोन नॉर्मल iPhone से भी महंगा!
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बिना कैमरे वाला iPhone: यह फोन नॉर्मल iPhone से भी महंगा!

नई दिल्ली: क्या आप जानते हैं कि बिना कैमरे वाले iPhone भी बाजार में उपलब्ध हैं? यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन ये फोन न केवल असामान्य हैं, बल्कि नॉर्मल iPhone की तुलना में महंगे भी आते हैं। आइए जानते हैं कि इनकी खासियत क्या है और इन्हें कहां इस्तेमाल किया जाता है। क्यों बनाए जाते हैं बिना कैमरे वाले iPhoneबिना कैमरे वाले iPhone उन जगहों के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जहां सुरक्षा कारणों से कैमरे का इस्तेमाल करना मना होता है। ऐसे फोन न्यूक्लियर प्लांट, मिलिट्री बेस, लैबोरेटरी और शिपयार्ड जैसी संवेदनशील जगहों पर काम करने वाले लोगों को दिए जाते हैं। Petapixel की रिपोर्ट के अनुसार, Reddit पर कई यूजर्स ने बताया कि न्यूक्लियर प्लांट में काम करने वालों को इसी तरह के फोन दिए जाते थे ताकि फोटो खींचने की अनुमति न हो। महंगे क्यों हैं ये iPhoneरिपोर्ट के मुताबिक, बिना कैमरे वाले iPhone iPhone...