Monday, December 15

इंडिगो संकट का फायदा उठाने की तैयारी में टाटा ग्रुप

एयर इंडिया एक्सप्रेस के पायलटों में बढ़ी चिंता, सैलरी और उड़ान घंटे बन सकते हैं मुद्दा

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नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले कुछ समय से संकट में है। हाल ही में हजारों उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी हुई। इस मौके का फायदा उठाने की तैयारी में एयर इंडिया ग्रुप है, लेकिन इसे पायलटों का विरोध भी झेलना पड़ रहा है।

टाटा समूह की लो-कॉस्ट एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस ने हाल ही में एयरबस A320 के अनुभवी कैप्टनों के लिए भर्ती विज्ञापन निकाला है। इस कदम से एयर इंडिया एक्सप्रेस के वर्तमान पायलटों में चिंता बढ़ गई है। उनका कहना है कि नए पायलटों के आने से उनकी उड़ानों के घंटे कम होंगे और सैलरी पर भी असर पड़ेगा।

पायलटों की नाराजगी:
करीब 100 पायलटों ने मैनेजमेंट को चिट्ठी लिखकर इस भर्ती का विरोध किया है। एयर इंडिया एक्सप्रेस के A320 पायलटों का कहना है कि पिछले एक साल से लगातार यह कहा जा रहा है कि ग्रुप में A320 कैप्टनों की संख्या अधिक है। फिर भी फिक्स्ड-आवर कॉन्ट्रैक्ट 40 घंटे का रखा गया है, जबकि 70 घंटे की मांग ठुकराई गई।

क्या है फिक्स्ड-आवर कॉन्ट्रैक्ट:
फिक्स्ड-आवर कॉन्ट्रैक्ट में पायलट को तय समय के अनुसार सैलरी मिलती है, चाहे उसकी वास्तविक उड़ानें कम हों। कोरोना काल में एयरएशिया इंडिया ने इसे 70 घंटे से घटाकर 40 घंटे किया था। इंडिगो ने हाल ही में जूनियर फर्स्ट ऑफिसर्स के लिए इसे 50 घंटे किया। एयर इंडिया एक्सप्रेस में करीब 1,600 पायलट हैं, जिनमें A320 पायलट विशेष रूप से इस बदलाव से चिंतित हैं।

संकट और संभावनाएँ:
एयर इंडिया एक्सप्रेस के पास वर्तमान में 110 विमान हैं, जिनमें 76 बोइंग 737 और 34 एयरबस A320 फैमिली के हैं। अगले साल की शुरुआत में इनमें से कम से कम 10 विमान लीज पर लौटाए जा सकते हैं। पायलटों का कहना है कि जब कंपनी अपने कर्मचारियों का इस्तेमाल ठीक से नहीं कर पा रही है, तो बाहर से भर्ती क्यों की जा रही है।

विशेषज्ञों का मानना:
विशेषज्ञों के अनुसार, इंडिगो की मुश्किलों से एयर इंडिया ग्रुप को नए बाजार हिस्सेदारी और अनुभवी पायलटों को जोड़ने का मौका मिल सकता है। लेकिन इसके लिए कंपनी को अपने मौजूदा कर्मचारियों की संतुष्टि और सैलरी संरचना का ध्यान रखना होगा।

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