
नई दिल्ली: एयरबस A320 फैमिली के विमानों को सॉफ्टवेयर अपग्रेड के लिए भारत और दुनियाभर में ग्राउंड किया जा रहा है। तेज सोलर रेडिएशन के कारण इन विमानों के उड़ान नियंत्रण डेटा में गड़बड़ी का खतरा है। भारत में इंडिगो और एयर इंडिया ग्रुप के लगभग 350 A320 विमानों को अपग्रेड के लिए रोका गया है, जो अगले 2-3 दिनों में पूरा होने की उम्मीद है।
घटना और खतरे की वजह
30 अक्टूबर 2025 को जेट ब्लू एयरलाइन का एक A320 विमान कैनकन से नेवार्क जा रहा था। नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड के अनुसार, यह विमान पायलट के इनपुट के बिना अचानक नीचे झुक गया। विमान में यह अनियंत्रित गिरावट ELAC (फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर) स्विच बदलने के दौरान हुई थी। इस घटना के बाद कुछ यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
इस घटना के बाद एयरबस ने A320 विमानों के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में जरूरी बदलाव की सिफारिश की। नए मॉडल के विमानों में सॉफ्टवेयर अपग्रेड आधे घंटे में किया जा सकेगा, जबकि पुराने विमानों में हार्डवेयर सुधार भी जरूरी है, इसलिए अपग्रेड में अधिक समय लगेगा।
भारत में प्रभावित विमान
- इंडिगो के लगभग 350 A320 विमानों में से लगभग 250 विमानों का अपग्रेड सोमवार या मंगलवार तक पूरा होने की उम्मीद है।
- एयर इंडिया के पास लगभग 120-125 A320 विमान हैं, जिनमें भी जल्द अपग्रेड पूरा होगा।
- एयर इंडिया ने यात्रियों से उड़ानों में संभावित देरी के लिए खेद व्यक्त किया है।
एयरबस की प्रतिक्रिया
एयरबस ने बताया कि तेज सोलर रेडिएशन उड़ान नियंत्रण डेटा को प्रभावित कर सकता है। कंपनी ने प्रभावित विमानों की पहचान की है और ऑपरेटरों से तत्काल सुरक्षा उपाय लागू करने का अनुरोध किया है। इस सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अपग्रेड के बाद ही बेड़े को उड़ानों के लिए सुरक्षित माना जाएगा।
दुनियाभर में असर
इस सॉफ्टवेयर अपग्रेड का असर 6,000 से अधिक A320 विमानों पर पड़ेगा। यह एहतियाती कदम विमानन सुरक्षा सुनिश्चित करने और यात्रियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।