Friday, December 19

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श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर ने पुराने कपड़ों में जीता दिल, 33 साल की हसीना भी रह गई पीछे—स्पेशल स्क्रीनिंग में छाई ‘ब्लैक ब्यूटी’
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श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर ने पुराने कपड़ों में जीता दिल, 33 साल की हसीना भी रह गई पीछे—स्पेशल स्क्रीनिंग में छाई ‘ब्लैक ब्यूटी’

मुंबई। श्रीदेवी की बड़ी बेटी और बॉलीवुड की युवा स्टार जाह्नवी कपूर ने एक बार फिर अपने बेहतरीन स्टाइल से लोगों का दिल जीत लिया। फिल्म ‘गुस्ताख इश्क’ की स्पेशल स्क्रीनिंग में पहुंचीं जाह्नवी ने इस बार भी साबित कर दिया कि ग्लैमर दिखाने के लिए छोटे कपड़े जरूरी नहीं—सेंस ऑफ स्टाइल हो तो पुरानी जैकेट भी पूरे रेड कार्पेट का दिल चुरा सकती है। इस इवेंट में 33 साल की एक्ट्रेस दिशा पाटनी ग्लैमरस शॉर्ट ड्रेस में पहुंची थीं, लेकिन जैसे ही फोटो सेशन शुरू हुआ, सारी निगाहें जाह्नवी की ओर मुड़ गईं। सभी हैरान रह गए कि पुराने आउटफिट में भी वह कितनी शालीन और आकर्षक दिख रही थीं। पुरानी YSL जैकेट में दिखीं जाह्नवी जाह्नवी कपूर इस स्क्रीनिंग में अपनी पुरानी काली वेलवेट YSL (यवेस सेंट लॉरेंट) जैकेट पहनकर पहुंचीं। यह वही जैकेट है जिसे उन्होंने पहले कान्स फिल्म फेस्टिवल में पहना था। हाई नेक डिज़ाइन ...
बाहर निकली तोंद से पाना चाहते हैं छुटकारा? रोज़ करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, दिखने लगेगा असर
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बाहर निकली तोंद से पाना चाहते हैं छुटकारा? रोज़ करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, दिखने लगेगा असर

पेट पर जमा अतिरिक्त चर्बी न सिर्फ आपकी Personality को खराब करती है, बल्कि कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ाती है। मोटापा बढ़ने से हार्ट, लंग्स और मेटाबॉलिज़्म पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि पेट की चर्बी को घर बैठे भी कम किया जा सकता है—वो भी बिना किसी जिम के। विशेषज्ञों और कई रिसर्च के अनुसार हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज (HIIT) तेजी से फैट बर्न करने में मदद करती हैं। यहां बताई गई 5 आसान एक्सरसाइज नियमित करने पर आपका पेट अंदर खिंचने लगेगा और फिटनेस में भी जबर्दस्त सुधार आएगा। 1. जंपिंग जैक सबसे आसान और प्रभावी कार्डियो एक्सरसाइज। पैरों को साथ रखकर सीधे खड़े हों। छलांग लगाते हुए पैर फैलाएं और हाथों को सिर के ऊपर मिलाएं। दोबारा छलांग लगाकर शुरुआती पोज़ में लौटें।शुरुआत: 20–30 सेकंड तक। 2. पुश-अप्स छाती, कंधे और कोर मसल्स को मजबूत बनाते हैं। पेट के बल लेटकर ...
कौन कहता है थप्पड़ से डर नहीं लगता! पढ़ी-लिखी महिलाएं भी पति की मार क्यों सहती हैं, घरेलू हिंसा से बचने के तरीके
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कौन कहता है थप्पड़ से डर नहीं लगता! पढ़ी-लिखी महिलाएं भी पति की मार क्यों सहती हैं, घरेलू हिंसा से बचने के तरीके

नई दिल्ली: आम घरों से लेकर शहरों तक, गांव-कस्बों से लेकर विकसित देशों तक पति द्वारा पत्नी पर हिंसा आज भी आम समस्या है। पढ़ी-लिखी और वर्किंग महिलाएं भी अपने पति की मार झेलती हैं, लेकिन इसके बावजूद ये बातें बाहर नहीं आतीं। परिवार की इज्जत और शादी बचाने की मजबूरीकई महिलाएं पति की मार सहती हैं सिर्फ इसलिए कि शादी और परिवार की इज्जत बनी रहे। कुछ महिलाओं को समाज में बदनामी का डर होता है, जबकि कुछ आर्थिक मजबूरी के चलते अपने पति का घर नहीं छोड़ पातीं। कई महिलाएं अपने बच्चों के भविष्य की चिंता में भी चुप रहती हैं। पति पर हाथ उठाने के पीछे कारण आर्थिक निर्भरता: कई महिलाएं खुद कमाई नहीं करतीं, इस वजह से पति की हिंसा सहती हैं। बच्चों के भविष्य की चिंता: आर्थिक रूप से स्वतंत्र महिलाएं भी बच्चों की भलाई और सुरक्षित भविष्य के लिए हिंसा सहती हैं। ‘लोग क्या कहेंगे’ का डर: समाज में प्रतिष्ठा...
शादी मुझसे और प्यार की बातें किसी और से…
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शादी मुझसे और प्यार की बातें किसी और से…

बेवफाई का नया नाम: Micro-Cheating** आज के डिजिटल युग में रिश्ते जितने आसान हुए हैं, उतने ही पेचीदा भी। कई बार पार्टनर के छोटे-छोटे काम रिश्तों में भरोसे को धीरे-धीरे कमजोर कर देते हैं। इन्हें Micro-Cheating कहा जाता है। Micro-Cheating क्या है? Micro-Cheating वे छोटे-छोटे काम हैं, जिन्हें पार्टनर अपने रिश्ते के बाहर करता है। इसमें शामिल हो सकते हैं: किसी से छिपकर चैट करना एक्स की पोस्ट लाइक या कमेंट करना किसी पर जरूरत से ज्यादा खास ध्यान देना ये हरकतें पहली नजर में मामूली लग सकती हैं, लेकिन समय के साथ रिश्ते में इमोशनल गैप और भरोसे की कमी पैदा कर सकती हैं। Micro-Cheating के सामान्य संकेत पुरानी यादों को बार-बार ताजा करना: अगर पार्टनर किसी एक्स या पुराने साथी की बातें बार-बार याद करता है, तो यह इमोशनल दूरी बढ़ा सकता है। सीक्रेट मैसेजिंग: किसी से छिपकर चैट करन...
पैसे लेने से नहीं बिगड़ा रिश्ता, परेश रावल ने साझा की पत्नी के साथ अपनाई सीख
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पैसे लेने से नहीं बिगड़ा रिश्ता, परेश रावल ने साझा की पत्नी के साथ अपनाई सीख

आजकल के रिश्ते छोटी-छोटी बातों पर जल्दी उलझ जाते हैं। कभी ईगो, कभी जलन, तो कभी प्राथमिकताओं का अंतर—इन सब कारणों से गलतफहमियां बढ़ती हैं और रिश्ते कमजोर पड़ते हैं। ऐसे समय में समझदारी और खुली बातचीत ही रिश्तों को मजबूत बनाए रखने का सबसे आसान तरीका है। इसी विषय पर अभिनेता परेश रावल ने राज श्मानी के इंटरव्यू में अपनी जिंदगी से एक दिलचस्प उदाहरण साझा किया। परेश रावल ने बताया अपना अनुभव राज श्मानी ने सवाल किया कि अगर रिश्ते में एक पार्टनर ज्यादा सफल हो और दूसरा पीछे रह जाए, तो क्या यह रिश्ते के लिए खतरा है। इस पर परेश रावल ने कहा कि उनकी कहानी में यह उल्टा रहा। उन्होंने बताया, “वो कैथेड्रल की लड़की थी और मैं पारला का मिडिल क्लास का बंदा। वो मिस इंडिया थी और मैं फिल्मों में नया था। पैसे की बात कभी मुद्दा नहीं बनी। मैं उससे पैसे लेकर जाता था, लेकिन कभी कोई ईगो बैटल नहीं हुई। किसी ने यह ...
दिमाग की ताकत बढ़ानी है? बस एक काम करें, याददाश्त और फोकस होंगे तेज
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दिमाग की ताकत बढ़ानी है? बस एक काम करें, याददाश्त और फोकस होंगे तेज

दिमाग को तेज़ और एक्टिव रखने के लिए सिर्फ पढ़ाई या दिमागी कसरत ही काफी नहीं होती। फिटनेस एक्सपर्ट्स का मानना है कि रेगुलर एक्सरसाइज आपकी याददाश्त, फोकस और इमोशनल स्टेबिलिटी बढ़ाने में सबसे असरदार तरीका है। एक्सरसाइज से दिमाग को कैसे फायदा मिलता है? एनीटाइम फिटनेस के फिटनेस एंड परफॉर्मेंस एक्सपर्ट कुशाल पाल सिंह के अनुसार, एक्सरसाइज से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इसका सीधा फायदा यह होता है कि दिमाग को ज्यादा ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। साथ ही, न्यूरोट्रोफिक फैक्टर नामक प्रोटीन बनते हैं, जो पहले से मौजूद ब्रेन सेल्स की सुरक्षा करते हैं और नई ब्रेन सेल्स का उत्पादन बढ़ाते हैं। फोकस और मेंटल क्लैरिटी में सुधार रेगुलर एक्सरसाइज करने से दिमाग का प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स एक्टिव होता है, जिससे योजना बनाना, ध्यान केंद्रित करना और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा मेंटल फॉग और...
लेबर पेन में तड़प रही महिला, फिर भी परिवार ने डिलीवरी से किया इनकार, वजह जान डॉक्टर भी रह गए दंग
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लेबर पेन में तड़प रही महिला, फिर भी परिवार ने डिलीवरी से किया इनकार, वजह जान डॉक्टर भी रह गए दंग

गर्भावस्था के नौ महीनों के दौरान महिला को सबसे ज्यादा संवेदनशील और निर्णय लेने का अधिकार होता है। लेकिन कई बार परिवार की जिद और निर्णय उसके स्वास्थ्य के लिए खतरा बन जाते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसने डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया। महिला चाहती थी सिजेरियन, परिवार अड़ा रहा नॉर्मल डिलीवरी पर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. समरा मसूद बताती हैं कि कुछ दिन पहले रात करीब 2 बजे एक महिला लेबर पेन में बुरी तरह तड़पती हुई उनके पास पहुंची। दर्द इतना तेज था कि महिला खुद को चेकअप तक नहीं करा पा रही थी। उसने बार-बार कहा:"मैम, मैं नॉर्मल डिलीवरी नहीं चाहती। अगर आप वेजाइनल डिलीवरी करेंगे तो मैं लेटूंगी ही नहीं। प्लीज मेरा सिजेरियन ऑपरेशन कर दीजिए।" लेकिन परिवार वाले नॉर्मल डिलीवरी की जिद पर अड़े रहे और सिजेरियन के लिए अनुमति नहीं दी। डॉ. मसूद कहती हैं, "हमारी जिम्मेदारी है कि मां के अधिकार का सम्मान हो।...
हाथ में उठाते ही पता चल जाएगा बैंगन में बीज हैं या नहीं, बिना काटे जानें शेफ पंकज भदौरिया का आसान तरीका
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हाथ में उठाते ही पता चल जाएगा बैंगन में बीज हैं या नहीं, बिना काटे जानें शेफ पंकज भदौरिया का आसान तरीका

बैंगन की सब्जी या भर्ता बनाने के लिए सही बैंगन का चयन करना बेहद जरूरी है। अक्सर बाजार में दिखने में ताजगी वाला बैंगन अंदर से कड़वा और बीजों से भरा होता है, जिससे सब्जी का स्वाद बिगड़ जाता है। लेकिन अब शेफ पंकज भदौरिया ने इसका आसान और प्रभावशाली तरीका बता दिया है। बैंगन के बीज का पता कैसे लगाएं? पंकज भदौरिया के अनुसार, बैंगन उठाते समय उसके वजन पर ध्यान दें। बैंगन का गूदा नरम और बीज कम होने पर हल्का होता है, जबकि बीज और फाइबर ज्यादा होने पर उसका वजन बढ़ जाता है। इसका मतलब यह है कि हल्का बैंगन बीज कम होने के साथ-साथ मीठा और गूदेदार होता है। हल्के और भारी बैंगन में अंतर हल्के बैंगन: कम बीज, नरम गूदा, स्वाद मीठा और गूदेदार। भर्ता और सब्जी के लिए आदर्श। भारी और ठोस बैंगन: बीज अधिक, रेशेदार और कठोर। सब्जी या भर्ता का टेक्सचर दानेदार और कड़वा हो सकता है। ताजगी और वजन का बैलेंस ...
प्रीमैच्योर डिलीवरी शिशु के लिए क्यों खतरनाक? जानें डॉक्टर से वजह और बचाव के 5 आसान उपाय
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प्रीमैच्योर डिलीवरी शिशु के लिए क्यों खतरनाक? जानें डॉक्टर से वजह और बचाव के 5 आसान उपाय

समय से पहले होने वाला प्रसव यानी प्रीमैच्योर डिलीवरी आजकल तेजी से बढ़ते मामलों में शामिल है। यह शिशु के स्वास्थ्य के लिए कई तरह के जोखिम लेकर आता है। रेनबो चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, दिल्ली की सीनियर कंसल्टेंट-प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. स्वाति सिन्हा के अनुसार, प्रीमैच्योर डिलीवरी के मामले क्यों बढ़ रहे हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है, इसके बारे में खास जानकारी दी गई है। प्रीमैच्योर डिलीवरी क्या है? जब शिशु का जन्म गर्भावस्था के 37 हफ्ते पूरे होने से पहले होता है, तो इसे प्रीमैच्योर डिलीवरी कहते हैं। इसके बढ़ने के पीछे मुख्य कारण हैं: गर्भवती महिला में हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, थायरॉइड या किडनी की समस्या यूरिन/योनि में इंफेक्शन खून की कमी (एनीमिया) तनाव, नींद की कमी और असंतुलित डाइट देर से मां बनना या एक से ज्यादा बच्चे (जुड़वां/ट्रिप्लेट) होना शिशु के लिए खतरे ...
पलक तिवारी ने रेड कार्पेट पर दिखाया ग्लैमर, मां श्वेता तिवारी की सादगी ने चुराई सबकी नजरें
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पलक तिवारी ने रेड कार्पेट पर दिखाया ग्लैमर, मां श्वेता तिवारी की सादगी ने चुराई सबकी नजरें

टीवी एक्ट्रेस पलक तिवारी का स्टाइलिश अंदाज हमेशा चर्चा में रहता है। हाल ही में हुए अवॉर्ड शो में गोल्डन स्ट्रैपलेस गाउन पहनकर उन्होंने रेड कार्पेट पर सबका ध्यान खींच लिया। लेकिन पलक के ग्लैमर के बीच मां श्वेता तिवारी की सादगी और बिन मेकअप वाला लुक सबको भा गया। पलक का स्टाइलिश ग्लैमर 25 साल की पलक ने इस इवेंट में गोल्डन सेक्विन और सितारों से सजा स्ट्रैपलेस गाउन पहनकर स्टाइल का जलवा बिखेरा। उनके गाउन का अपर पोर्शन बॉडी फिटेड और हेम फ्लोर लेंथ था, जबकि हल्का लूज फिट और ट्रेल ने इसे ड्रामेटिक टच दिया। जूलरी में उन्होंने स्टेटमेंट नेकपीस और स्टड इयररिंग्स चुने, जिससे उनके लुक को ‘लेस इज मोर’ का परफेक्ट टच मिला। हेयर और मेकअप में उन्होंने न्यूड ब्राउन लिप्स और ब्राउनिश आइशैडो के साथ सॉफ्ट वैवी कर्ल्स अपनाए। श्वेता तिवारी की सादगी ने बनाया असर इवेंट से लौटते ही श्वेता ने घर पर बेटे...