
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर राफेल डील को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के नाम से एक फर्जी लेटर वायरल हुआ है, जिसे विदेश मंत्रालय ने फर्जी करार दिया है। मंत्रालय ने लोगों को ऐसे दुष्प्रचारों से सतर्क रहने की हिदायत भी दी है।
क्या था वायरल लेटर में:
वायरल फर्जी लेटर में दावा किया गया कि जयशंकर ने फ्रांस के दूतावास को पत्र लिखकर आगाह किया है कि राफेल की डिलीवरी को लेकर सूचनाएं लीक हो रही हैं और नई दिल्ली को इससे निपटना पड़ रहा है। विदेश मंत्रालय ने इस लेटर को फर्जी बताते हुए स्पष्ट किया कि यह किसी भी तरह से वास्तविक नहीं है।
विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया:
विदेश मंत्रालय ने अपने फैक्ट-चेकिंग एक्स अकाउंट पर लिखा, “दुष्प्रचार के खिलाफ हमेशा सतर्क रहें।” मंत्रालय ने कहा कि वायरल चिट्ठी में विदेश मंत्री के फर्जी हस्ताक्षर और गलत तारीख (26 नवंबर 2025) का प्रयोग किया गया है।
राफेल डील को लेकर पुराने विवाद:
2016 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल फाइटर जेट खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था। इस डील को लेकर विपक्ष ने कई आरोप और विवाद उठाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया। 2019 के चुनाव में भी राफेल मुद्दा विपक्ष के लिए प्रभावी नहीं साबित हुआ।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह के फर्जी दस्तावेज़ों और दुष्प्रचारों के चलते जनता भ्रमित हो सकती है, इसलिए सोशल मीडिया पर साझा किए जाने वाले हर संदेश की सत्यता की पुष्टि करना बेहद जरूरी है।