
नई दिल्ली: संसद में बुधवार को वोट चोरी के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को तीखी प्रतिक्रिया दी। मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि अमित शाह मानसिक दबाव में थे, घबराए हुए थे और उनके हाथ कांप रहे थे। उन्होंने कहा, “मैंने जो बातें कल कही थीं, उन पर शाह ने कोई जवाब नहीं दिया और न ही कोई ठोस सबूत पेश किया। मैंने उन्हें चुनौती दी कि वे सदन में मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर चर्चा करें, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।”
तीखी नोकझोंक:
लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान शाह और राहुल गांधी के बीच तीखी बहस हुई। राहुल गांधी लगातार आरोप लगा रहे थे कि चुनाव आयोग और भाजपा ‘वोट चोरी’ कर रही है। इस मुद्दे पर वे पहले भी तीन प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर चुके हैं। सदन में उन्होंने शाह से खुली बहस की चुनौती दी, जिस पर शाह ने कहा कि संसद राहुल गांधी की मर्ज़ी से नहीं चलेगी।
राहुल गांधी के दखल से विवाद:
विवाद उस समय और बढ़ गया जब अमित शाह अपने संबोधन के दौरान विपक्ष के आरोपों का जवाब दे रहे थे और राहुल गांधी बीच में दखल देने लगे। शाह ने कहा कि राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में चुनावी सूची को लेकर उठाए गए सवालों का मक़सद मतदाता सूची को साफ़ करना है। शाह ने आरोप लगाया, “जब जीतते हैं तो चुनाव आयोग अच्छा, जब हारते हैं तो वही आयोग पक्षपाती। दोहरे मापदंड लोकतंत्र में नहीं चलते।”
सरकार से पूछे गए सवाल:
चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने सरकार से तीन महत्वपूर्ण सवाल पूछे। अमित शाह ने जवाब में कांग्रेस पर ‘वोट चोरी’ के बेबुनियाद आरोप लगाने का आरोप लगाया और कहा कि चुनावी गड़बड़ियां जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के जमाने से चली आ रही हैं।
अमित शाह की चेतावनी:
अमित शाह ने विपक्षी पार्टियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) का विरोध करेंगे, वे पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु से खत्म हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि एसआईआर पर झूठ फैलाने की कोशिश करके विपक्ष भारत के लोकतंत्र की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है। शाह ने स्पष्ट किया कि भाजपा कई चुनाव हारी है, लेकिन उसने कभी चुनाव आयोग पर सवाल नहीं उठाया।