Tuesday, December 16

मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाने के बाद बर्तन को काला होने से बचाने का देसी तरीका, लता शाक्य ने बताया आसान उपाय

नई दिल्ली: भारत के ग्रामीण इलाकों में आज भी लोग मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाने का पारंपरिक तरीका अपनाते हैं। चूल्हे पर बना खाना स्वाद में तो लाजवाब होता है, लेकिन इस दौरान बर्तनों का काला होना एक बड़ी समस्या बन जाती है। चूल्हे की आग और धुएं से बर्तन का निचला हिस्सा काला हो जाता है, जिसे साफ करने में बहुत मेहनत लगती है। लेकिन अब इस परेशानी का हल एक आसान और मुफ्त ट्रिक से मिल सकता है।

This slideshow requires JavaScript.

लता शाक्य की ट्रिक
लता शाक्य ने एक सरल और प्रभावी तरीका बताया है, जिसे अपनाकर मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाने के बावजूद आपके बर्तन काले नहीं होंगे। इस ट्रिक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको बर्तन को बार-बार रगड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी, और बर्तन का निचला हिस्सा हमेशा साफ रहेगा।

कैसे करें इसका इस्तेमाल:
लता शाक्य का तरीका बहुत आसान है। आपको सबसे पहले बर्तन के निचले हिस्से पर एक पतली प्लास्टिक पन्नी (जैसी किराने का सामान लाने वाली पन्नी) लगानी है। फिर बर्तन में पानी भरकर उसे चूल्हे पर रख लें। जब आप खाना बना लें, तो सारी कालिख उस प्लास्टिक की पन्नी पर जमा हो जाएगी और बर्तन साफ रहेगा। खाना पकाने के बाद इस पन्नी को हटाकर फेंक दें और आपका बर्तन एकदम साफ रहेगा।

कैसे काम करती है यह ट्रिक:
चूल्हे की आग से जो धुआं और काली राख निकलती है, वह सीधे बर्तन के मेटल पर चिपक जाती है और उसे काला कर देती है। जब आप प्लास्टिक की पन्नी लगाते हैं, तो यह बर्तन और कालिख के बीच एक परदा बन जाती है, जिससे कालिख पन्नी पर जमा हो जाती है। बर्तन के नीचे की सतह बिल्कुल साफ रहती है, और आपको उसे रगड़ने की भी जरूरत नहीं पड़ती।

पुराने तरीकों से बेहतर क्यों है यह तरीका?
पहले लोग बर्तनों को काला होने से बचाने के लिए राख या मिट्टी का लेप लगाते थे, जिसे सूखने में समय लगता था और बाद में उसे साफ भी करना पड़ता था। इसके अलावा साबुन का उपयोग करने से अजीब सी महक भी आ सकती थी। लता शाक्य का यह तरीका इन सभी झंझटों से छुटकारा दिलाता है और बर्तन की सफाई को बेहद आसान बनाता है।

इस्तेमाल करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें:

  • हमेशा ध्यान रखें कि बर्तन में पानी या खाना जरूर हो, क्योंकि खाली बर्तन पर पन्नी लगाने से वह जल सकती है।
  • इस ट्रिक के लिए किराने के सामान की पतली पन्नी सबसे उपयुक्त होती है।
  • आग की लपटें बर्तन के किनारों से बाहर न निकलें, और कम आंच में यह ट्रिक सबसे बेहतर काम करती है।

इस ट्रिक के फायदे और नुकसान:
यह ट्रिक न केवल आपके समय की बचत करती है, बल्कि बर्तनों की उम्र भी बढ़ाती है। यह बिल्कुल मुफ्त का उपाय है, क्योंकि पुरानी पन्नियां अक्सर घरों में होती ही हैं। यह एक आसान और सादा तरीका दिखाता है, जो बड़ी समस्याओं का समाधान कर सकता है।

निष्कर्ष:
मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाने के दौरान बर्तनों का काला होना एक आम समस्या है, लेकिन लता शाक्य का यह तरीका इसे सुलझाने के लिए एक आसान और प्रभावी उपाय है। इस ट्रिक का पालन करके आप न सिर्फ बर्तन की सफाई में समय बचा सकते हैं, बल्कि यह पूरी प्रक्रिया को भी बेहद आसान बना सकते हैं।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी इंस्टाग्राम वीडियो और इंटरनेट पर उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है। एनबीटी इसकी सत्यता और सटीकता की जिम्मेदारी नहीं लेता है। किसी भी नई ट्रिक या उपाय को अपनाने से पहले कृपया अपने अनुभव और जरूरत के अनुसार सलाह लें।)

Leave a Reply