
गोपालगंज (बिहार): राज्य में नई सरकार के गठन के बाद जहां मंत्री विभागों का निरीक्षण कर रहे हैं, वहीं भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक भी सक्रियता दिखा रहे हैं। इसी क्रम में गोपालगंज सदर के भाजपा विधायक सुभाष सिंह ने मॉडल अस्पताल में फैली अनियमितताओं पर बड़े कदम उठाए हैं।
मोबाइल की रोशनी में इलाज का वीडियो हुआ था वायरल
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दावा किया गया कि मॉडल अस्पताल की आलीशान इमारत में बिजली की सुविधा न होने पर डॉक्टर मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज कर रहे थे। हालांकि इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी, लेकिन इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए थे।
विधायक का औचक निरीक्षण, कई डॉक्टर ड्यूटी से नदारद
वीडियो वायरल होने के अगले ही दिन विधायक सुभाष सिंह ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई चिकित्सक ड्यूटी से गायब पाए गए। इस पर विधायक ने मौके पर मौजूद सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र प्रसाद को फटकार लगाई और कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
पैथोलॉजी विभाग पर गंभीर आरोप
विधायक ने पैथोलॉजी विभाग में भी गड़बड़ियों की तरफ इशारा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि ब्लड सैंपल की जांच के नाम पर मरीजों से अवैध वसूली की जाती है और कई बार डॉक्टर ऐसी जांच लिख देते हैं जिनकी सुविधा अस्पताल में उपलब्ध ही नहीं है।
डॉक्टर और स्टाफ पर नोटिस जारी
निरीक्षण के बाद सिविल सर्जन ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
- चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. दानिश अहमद को ड्यूटी से गायब रहने पर स्पष्टीकरण नोटिस भेजा गया है।
- पैथोलॉजी स्टाफ विकास पाठक पर एक महिला मरीज से 500 रुपये की कथित वसूली का आरोप है।
- एक अन्य नोटिस में यह भी कहा गया है कि मरीजों को जबरन ऐसी जांचें लिखी जाती हैं जिनकी सुविधा अस्पताल में नहीं है, जिससे उन्हें बाहर पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
दोनों नोटिस 6 दिसंबर को जारी किए गए हैं, जिसके बाद अस्पताल में स्टाफ के बीच हड़कंप मच गया है।
“मरीज लगातार शिकायत कर रहे थे” — विधायक
विधायक सुभाष सिंह ने कहा कि उन्हें कई दिनों से अस्पताल में अनियमितताओं की शिकायत मिल रही थी।
“मरीजों के परिजन लगातार फोन कर ड्यूटी से गायब डॉक्टरों की शिकायत कर रहे थे। इसलिए मैंने खुद अस्पताल का निरीक्षण किया,” उन्होंने कहा।
फिलहाल नोटिस जारी होने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आ गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि इससे मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं में सुधार होगा।