पति-पत्नी के अलग रहने का मतलब शादी टूटना नहीं… सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान, हाई कोर्ट का फैसला आंशिक रूप से रद्द
नई दिल्ली, विशेष रिपोर्ट — पति-पत्नी के रिश्तों और तलाक के मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। सर्वोच्च अदालत ने स्पष्ट किया है कि केवल अलग रहने भर से यह नहीं माना जा सकता कि शादी खत्म हो चुकी है। अदालत ने कहा कि ऐसे किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले पूरे मामले का गहराई से विश्लेषण जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट टिप्पणी: ‘अलग रहना तलाक का आधार नहीं’
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि आजकल अदालतें अक्सर यह मान लेती हैं कि पति-पत्नी अगर अलग रह रहे हैं तो उनकी शादी टूट चुकी है। लेकिन यह मानना गलत है। यह पहले तय किया जाना चाहिए कि अलगाव के लिए कौन जिम्मेदार है और क्या किसी पक्ष ने जानबूझकर दूसरे को छोड़ दिया या उसके साथ रहने से इनकार किया।
बेंच ने चेताया कि बिना पुख्ता सबूत के ऐसे निष्कर्ष पर पहुंचना बच्चों पर गंभीर मानसिक प्रभाव डाल ...









