Wednesday, December 17

डॉ. उमर के संपर्कों की गहन छानबीन: जांच एजेंसियां हर संदिग्ध की कुंडली खंगालने में जुटीं, कई पर कस रहा शिकंजा

दिल्ली ब्लास्ट की साजिश की परतें खुलने लगीं, दो मोबाइल फोनों के कॉल रिकॉर्ड के आधार पर 60 से अधिक लोगों से पूछताछ
नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। जांच एजेंसियां इस मामले में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहतीं। इसी क्रम में पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां उन सभी लोगों की पड़ताल कर रही हैं, जिनसे धमाके के मुख्य आरोपी माने जा रहे डॉ. उमर नबी ने पिछले महीनों में संपर्क किया था। यह जांच उसके दो गायब मोबाइल फोनों के कॉल डेटा रिकॉर्ड (CDR) के आधार पर की जा रही है।

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स्पेशल सेल ने खोले साजिश के कई एंगल

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में संगठित साजिश की जांच के तहत FIR दर्ज कर ली है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमर जिन-जिन लोगों के संपर्क में था, हर एक की पहचान और भूमिका की छानबीन की जा रही है। शुरुआती जांच में संदेह है कि उमर और उसके साथियों का नेटवर्क राजधानी समेत कई शहरों में हमले की योजनाओं पर काम कर रहा था।

सूत्रों की मानें तो उमर ने अपने संपर्क में आए कुछ लोगों को सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से उकसाने की कोशिश की थी। आरोपी जसिर बिलाल वानी को भी उसने कथित तौर पर आत्मघाती हमला करने के लिए राज़ी करने की कोशिश की थी, लेकिन उसने मना कर दिया।

दो मोबाइल, दोनों लापता—30 अक्टूबर के बाद बंद हुए फोन

पता चला है कि उमर दो मोबाइल फोन इस्तेमाल करता था। 30 अक्टूबर को, उसके साथी मुजम्मिल अहमद गनई की फरीदाबाद से गिरफ्तारी के तुरंत बाद, उसने दोनों फोन बंद कर दिए। पुलिस को आशंका है कि उसने मोबाइल फेंक दिए होंगे, क्योंकि उनकी आख़िरी लोकेशन कभी लाल किले के आसपास नहीं मिली।

60 से अधिक लोगों से पूछताछ, संदिग्धों की सूची तैयार

दोनों गुमशुदा फोनों के कॉल डेटा के आधार पर एजेंसियों ने संदिग्धों की एक सूची तैयार की है। अब तक 60 से अधिक लोगों से पूछताछ हो चुकी है, जिनमें—

  • अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कुछ डॉक्टर
  • जम्मू-कश्मीर के निवासी
  • हरियाणा के नूंह इलाके के कई लोग

शामिल बताए जा रहे हैं।

कोड वर्ड्स का खुलासा: ‘बिरयानी’, ‘दावत’, ‘D6’—क्या था असली मतलब?

जांच में यह भी सामने आया है कि उमर नबी, उसका साथी मुजम्मिल और शाहीन शाहिद अंसारी आपस में ‘D6’, ‘बिरयानी’ और ‘दावत’ जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे। सूत्रों के मुताबिक—

  • ‘बिरयानी’ = विस्फोटक
  • ‘दावत’ = हमले का दिन

यानी “बिरयानी तैयार है” का मतलब था “बम तैयार है” और “दावत के लिए तैयार रहो” का अर्थ था “ऑपरेशन के लिए तैयार रहना”।

जांच एजेंसियां इस संभावना पर भी गौर कर रही हैं कि आरोपी 6 दिसंबर के दिन कई जगह धमाके करने की फिराक में थे, क्योंकि उस तारीख का संवेदनशील महत्व है।

किस तरह का IED इस्तेमाल हुआ? अभी जांच जारी

लाल किले के पास हुए विस्फोट में किस प्रकार का IED इस्तेमाल हुआ, यह अभी स्पष्ट नहीं है। कुछ सुराग मिले हैं जो बताते हैं कि आरोपी जूते में विस्फोटक छिपाकर हमले की हामास-स्टाइल तकनीक अपनाना चाहते थे, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि जांच पूर्ण होने के बाद ही होगी।

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