साइबर फ्रॉड को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के आरोपियों की जमानत खारिज की
नई दिल्ली: देशभर में बढ़ते साइबर अपराधों और वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने कहा कि ऐसे अपराध अब सीमाओं में नहीं बंधे हैं और दूर-दराज बैठे अपराधी भी देशभर के लोगों को निशाना बना रहे हैं। इसलिए न्यायपालिका को नरमी नहीं दिखानी चाहिए।
जस्टिस अजय दिग्पॉल की अदालत ने 3 नवंबर को दिए आदेश में दो आरोपियों – परमजीत खर्ब और राम कुमार रमन – की जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए कहा,
“अदालत साइबर अपराधों और वित्तीय धोखाधड़ी में हो रही खतरनाक बढ़ोतरी को अनदेखा नहीं कर सकती। जमानत के स्तर पर नरमी बरतना ऐसे अपराधों को और बढ़ावा दे सकता है।”
वॉट्सऐप-टेलीग्राम ग्रुप से किया गया था करोड़ों का फ्रॉड
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इन दोनों आरोपियों के खिलाफ 2024 में जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोपों में केस दर्ज किया था।एफआईआर के मुताब...









