Friday, December 19

1 फरवरी 2026 से पान मसाला पैकेट पर नए नियम लागू, अब हर पैकेट पर छापना होगा एमआरपी

नई दिल्ली: उपभोक्ताओं के हितों और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने पान मसाला पैकेटों के लिए बड़े बदलाव किए हैं। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) सेकंड (संशोधन) नियम, 2025 अधिसूचित कर दिए हैं, जो 1 फरवरी 2026 से पूरे देश में लागू होंगे

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नई व्यवस्था के तहत अब पान मसाला का कोई भी पैकेट—चाहे उसका आकार कितना भी छोटा हो—एमआरपी (Maximum Retail Price) और लीगल मेट्रोलॉजी रूल्स, 2011 के तहत आवश्यक सभी जानकारियां प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। अभी तक 10 ग्राम या इससे कम वजन वाले छोटे पैकेटों को एमआरपी छापने से छूट मिली हुई थी, जो अब समाप्त कर दी गई है। इसके स्थान पर पान मसाला के लिए विशेष प्रावधान जोड़ा गया है।

सरकार ने क्यों किया बदलाव?

सरकार का कहना है कि पान मसाला उत्पादों पर लगने वाले 28% जीएसटी और संबंधित कंपन्सेशन सेस की सही गणना और वसूली तभी संभव है जब हर पैकेट पर एमआरपी स्पष्ट रूप से दर्ज हो।
चूंकि जीएसटी एमआरपी के आधार पर लगाया जाता है, इसलिए यह कदम कर चोरी रोकने और कर संरचना को व्यवस्थित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कंपन्सेशन सेस को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाया गया है, और इससे जुटाई जा रही राशि का उपयोग राज्यों को कोविड अवधि में हुए राजस्व घाटे की भरपाई के लिए लिए गए कर्ज को चुकाने में किया जा रहा है।

ग्राहकों को कैसे मिलेगा लाभ

नए नियमों से उपभोक्ताओं को सबसे बड़ा फायदा पारदर्शिता और सही मूल्य जानकारी के रूप में मिलेगा।
छोटे पाउचों पर गलत, मनमानी या भ्रामक कीमतें लिखने की संभावना समाप्त होगी। हर उपभोक्ता अब किसी भी आकार के पैकेट पर स्पष्ट कीमत देखकर ही खरीदारी कर सकेगा।

उपभोक्ता मंत्रालय ने कहा कि यह कदम बाजार में एकरूपता और उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

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