Tuesday, December 16

लापरवाह इंजीनियरों पर कमिश्नर संस्कृति जैन की सख्ती काम नहीं बताया तो दे दी ‘बीएलओ हेल्पर’ वाली सजा

भोपाल नगर निगम की कमिश्नर IAS संस्कृति जैन ने लापरवाह इंजीनियरों को सबक सिखाने का अनोखा तरीका अपनाया है। काम की प्रगति और जानकारी न दे पाने पर उन्होंने कुल 75 असिस्टेंट और सब-इंजीनियरों को विशेष ‘सजा’ सुनाई— और वह सजा यह है कि अब ये सभी बीएलओ (BLO) के सहायक बनकर एसआईआर डिजिटलाइजेशन का काम करेंगे।

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काम का ब्यौरा न देने पर गुस्साईं कमिश्नर

सूत्रों के अनुसार, कमिश्नर जैन ने कुछ दिन पहले इन इंजीनियरों से उनके प्रोजेक्ट्स और सिविल कार्यों की विस्तृत जानकारी मांगी थी।
15 दिन बीतने के बाद भी कोई संतोषजनक रिपोर्ट नहीं मिली।

इसके बाद उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए आदेश जारी कर दिए कि सभी इंजीनियर 4 दिसंबर तक बीएलओ के सहायक के रूप में काम करेंगे और एसआईआर (Special Summary Revision) की जिम्मेदारी निभाएंगे।

सूत्र बताते हैं कि इस फैसले की नगर निगम में खूब चर्चा है। कई कर्मचारी इसे “अनूठी लेकिन प्रभावी कार्रवाई” बता रहे हैं।

फिसड्डी बूथों पर लगाई गई ड्यूटी

इन इंजीनियरों को उन बूथों पर तैनात किया गया है जो परफॉर्मेंस में टॉप-20 ‘फिसड्डी’ बूथों में आते हैं।
जो अपने मूल सिविल कार्य में पिछड़ गए— अब उन्हें प्रशासनिक कार्यों में दक्षता दिखानी होगी।

दक्षिण कोरिया प्रवास के बीच जारी हुआ आदेश

दिलचस्प बात यह है कि कमिश्नर संस्कृति जैन फिलहाल दक्षिण कोरिया प्रवास पर हैं, लेकिन उनके बुलंद निर्देशों ने नगर निगम कार्यालय में अनुशासन की नई हवा पैदा कर दी है।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता ने बताया कि—

  • सभी इंजीनियरों की विधानसभा-वार तैनाती की गई है
  • वे तेजी से एसआईआर डिजिटाइजेशन में जुट गए हैं

सिवनी से भोपाल तक— IAS संस्कृति जैन की कड़ाई के चर्चे

IAS जैन सिवनी में कलेक्टर रहने के बाद हाल ही में भोपाल नगर निगम की कमिश्नर बनीं।
ज्वाइन करते ही उन्होंने इंजीनियरों से उनके सिविल कार्यों का विवरण मांगा था, लेकिन अपेक्षित जानकारी न देने पर उन्होंने यह सख्त कदम उठाया।

**निगम में संदेश साफ—

काम नहीं तो आराम नहीं!**

कमिश्नर के इस निर्णय ने न सिर्फ लापरवाह अधिकारियों को चेतावनी दी है, बल्कि यह भी साफ संदेश दिया है कि अब नगर निगम में ढिलाई सहन नहीं की जाएगी

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