Wednesday, December 17

‘मोगली के जंगल’ पेंच में बाघिन दे रही लगातार चकमा, राजस्थान लाने के लिए वनकर्मियों की कड़ी मशक्कत जारी

बूंदी/पेंच: मध्यप्रदेश के ‘मोगली के जंगल’ पेंच टाइगर रिजर्व से राजस्थान के बूंदी रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक बाघिन को शिफ्ट करने की कवायद पांचवें दिन भी जारी है। राजस्थान और मध्यप्रदेश की संयुक्त टीम ने बाघिन PN-224 का लोकेशन तो खोज लिया है, लेकिन उसे ट्रैंक्युलाइज करना बड़ी चुनौती बन गया है। बीते तीन दिन से बाघिन घने जंगलों, झाड़ियों और झुरमुटों के बीच कभी दिखाई देती है, तो अगले ही पल गायब हो जाती है और वनकर्मियों को चकमा दे देती है।

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■ AI कैमरे, हाथी और पैदल ट्रैकिंग—पूरी ताकत झोंक दी गई

वन विभाग की टीमें लगातार जंगल में कैंप कर रही हैं।

  • 8 हाथी,
  • एक दर्जन AI कैमरा ट्रैप,
  • पैदल ट्रैकिंग,
  • और ड्रोन जैसी तकनीक

की मदद से बाघिन को ट्रैंक्युलाइज करने की कोशिश की जा रही है। बाघिन की पहचान PN-36 की बेटी PN-224 के रूप में हुई है। योजना यह है कि ट्रैंक्युलाइज होते ही सेना के हेलीकॉप्टर से उसे बूंदी एयरलिफ्ट कर लगभग 7 घंटे में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व लाया जाएगा।

■ 50 मीटर की दूरी पर दिखी, लेकिन चकमा देकर हुई गायब

रामगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर सुगनाराम जाट और मुकंदरा टाइगर रिजर्व के वेटरनरी विशेषज्ञ डॉ. तेजेंद्र सिंह रियाड इस ऑपरेशन की अगुवाई कर रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार—

  • रविवार सुबह बाघिन सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर नजर आई।
  • लैंटाना झाड़ी के नीचे आराम कर रही बाघिन को हाथियों पर सवार टीम ने देखा।
  • लेकिन वह वाटर प्वाइंट के पास थी, इसलिए डार्टिंग जोखिम भरा था।
  • टीम उसके सुरक्षित स्थान पर जाने का इंतजार करती रही, लेकिन बाघिन सतर्क होकर चकमा दे गई और झाड़ियों में गायब हो गई।

दोपहर तक हाथियों पर सवार टीम उसकी तलाश में लगी रही, फिर AI कैमरा ट्रैप से मिले अपडेट के आधार पर शाम तक तलाश अभियान जारी रहा।

■ सोमवार को फिर होगा बड़ा प्रयास

पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि बाघिन को ट्रैक करने के लिए लगाए गए AI कैमरे आमतौर पर अवैध गतिविधियों की निगरानी के लिए उपयोग होते हैं, लेकिन अब इन्हें बाघिन की रियल टाइम मूवमेंट जानने के लिए भी जोड़ा गया है। कैमरों से मिलने वाले लाइव अपडेट के जरिए टीमें लोकेशन फिक्स करती हैं और ट्रैंक्युलाइज टीम उसी दिशा में बढ़ती है।

आज सोमवार को एक बार फिर बाघिन को ट्रैंक्युलाइज करने का ऑपरेशन चलेगा। यदि आज सफलता मिलती है, तो बाघिन को तुरंत एयरलिफ्ट कर राजस्थान के बूंदी लाया जाएगा।

■ पांच दिन से जारी रोमांचक और चुनौतीपूर्ण मिशन

बाघिन का तेज, सतर्क और रहस्यमयी मूवमेंट वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। टीमें लगातार जंगल में डटे हुए हैं और किसी भी क्षण ट्रैंक्युलाइज कर शिफ्टिंग सफल करने का प्रयास कर रही हैं।

सभी की निगाहें आज के ऑपरेशन पर टिकी हैं—क्या PN-224 आज भी चकमा देगी या आखिरकार वनकर्मियों की मेहनत रंग लाएगी?

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