Wednesday, December 17

देश का पहला रेड सिग्नल फ्री शहर: कोटा बना ट्रैफिक मैनेजमेंट का मॉडल

कोटा (राजस्थान): कभी ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझने वाला कोटा अब देश का पहला रेड-ग्रीन सिग्नल फ्री शहर बन गया है। 2022 में यह उपलब्धि हासिल करने के बाद कोटा ने न केवल भारत, बल्कि दुनिया को भी स्मूथ ट्रैफिक मैनेजमेंट का संदेश दिया। भूटान की राजधानी थिंपू के बाद कोटा दुनिया का दूसरा ऐसा शहर है जिसने यह मॉडल अपनाया।

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स्मार्ट ट्रैफिक और अर्बन प्लानिंग:
तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के नेतृत्व में शहर के चौराहों को अंडरपास, ओवरब्रिज और रिंग रोड नेटवर्क से बदलकर ग्रेड सेपरेटेड इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट लागू किया गया। अब शहर में ट्रैफिक बिना किसी रुकावट के बहता है। देश-दुनिया के विशेषज्ञ इस अनूठे मॉडल का अध्ययन कर रहे हैं।

मुख्य परियोजनाएँ:

  • गोबरिया बावड़ी अंडरपास-ओवर ब्रिज: 31.50 करोड़ की लागत से बनाया गया। यहां भारी ट्रक और इंडस्ट्रियल एरिया होने के कारण ट्रैफिक जाम होता था, जो अब समाप्त हो गया है।
  • इंदिरा गांधी फ्लाईओवर: 57 करोड़ की लागत से 1200 मीटर लंबा एलिवेटेड रोड। गुमानपुरा बाजार में जाम की समस्या अब खत्म।
  • अनंतपुरा फ्लाईओवर: 65 करोड़ की लागत से 530 मीटर लंबा फ्लाईओवर। भारी वाहनों के कारण जाम और एक्सीडेंट की समस्या समाप्त।
  • अंटाघर चौराहा अंडरपास: 29 करोड़ की लागत से बनाया गया। यह शहर का सबसे व्यस्त चौराहा था, अब छात्रों, मरीजों और वाहन चालकों को राहत मिली।
  • एरोड्रम अंडरपास: 50 करोड़ की लागत से व्यस्ततम सर्किल को अंडरपास और ओवरब्रिज में विकसित किया गया।
  • सिटी-मॉल फ्लाईओवर: 47 करोड़ की लागत से 650 मीटर लंबा फोर लेन फ्लाईओवर। झालावाड़ रोड पर ट्रैफिक जाम की समस्या समाप्त।

निष्कर्ष:
कोटा अब ‘कोचिंग सिटी’ और स्मार्ट ट्रैफिक मॉडल का उदाहरण बन चुका है। शहरवासियों के लिए यह उपलब्धि जीवन को आसान बनाने के साथ-साथ पर्यटन और निवेश के नए अवसर भी खोल रही है।

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