Thursday, December 18

रिश्वत लेते ही रंगे हाथ पकड़ा गया आरक्षक लोकायुक्त को ‘चकमा’ देकर फरार भागते समय छूट गई जैकेट, कार भी जब्त — तलाश में जुटी पुलिस

टीकमगढ़। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में गुरुवार देर रात एक हैरान करने वाली घटना सामने आई, जहां रिश्वत लेते ही लोकायुक्त टीम के हत्थे चढ़ा पुलिस आरक्षक पंकज यादव गिरफ्त से निकलकर फरार हो गया। आरोपी मौके से इतनी तेजी से भागा कि उसकी जैकेट—जिसमें 12 हजार रुपये की रिश्वत की रकम रखी थी—लोकायुक्त के हाथ में ही रह गई। आरोपी की कार भी मौके से जब्त कर ली गई है। घटना के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

This slideshow requires JavaScript.

■ कलेक्टरेट परिसर में हुई कार्रवाई

लोकायुक्त सागर टीम ने शिकायत के आधार पर टीकमगढ़ कलेक्टरेट परिसर में रात करीब 11 बजे आरक्षक पंकज यादव को रंगे हाथ पकड़ा। पंकज यादव टीकमगढ़ कोतवाली में पदस्थ है। कार्रवाई के दौरान जैसे ही टीम ने उसे हिरासत में लिया, आरोपी अचानक हाथ छुड़ाकर अंधेरे का फायदा उठाते हुए फरार हो गया। उसके भागने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

■ ₹20,000 की रिश्वत मांगी, ₹12,000 लेते ही दबोचा गया

लोकायुक्त टीम प्रभारी कमल सिंह के मुताबिक, टीकमगढ़ निवासी अंकित तिवारी ने शिकायत की थी कि उस पर दर्ज एससी-एसटी एक्ट के मामले में कोतवाली पुलिस 20,000 रुपये की रिश्वत मांग रही है।
शिकायतकर्ता पहले ही 8,000 रुपये दे चुका था और शेष 12,000 रुपये बुधवार रात देने थे। जैसे ही अंकित तय स्थान पर पहुंचा, आरक्षक ने रिश्वत की रकम ले ली और उसी क्षण लोकायुक्त ने उसे पकड़ लिया।

■ भागते समय छूटी जैकेट, बरामद हुई पूरी रकम

फरार होने के दौरान अफरा-तफरी में आरक्षक की जैकेट गिर गई। इसी जैकेट से 12,000 रुपये की रकम बरामद की गई। लोकायुक्त टीम ने उसकी कार भी जब्त कर ली है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

■ पुलिस महकमे में हलचल, शुरू हुई आंतरिक जांच

टीकमगढ़ के एडीशनल एसपी विक्रम सिंह ने बताया कि आरोपी आरक्षक की तलाश के लिए टीमें लगाई गई हैं और मामले की व्यापक जांच की जा रही है।
पुलिस विभाग ने भी घटना को गंभीर मानते हुए आंतरिक जांच शुरू कर दी है।

■ बढ़ी किरकिरी, लोकायुक्त की कार्रवाई पर उठे सवाल

रंगे हाथ पकड़े जाने के बावजूद आरोपी का बच निकल जाना पुलिस और लोकायुक्त दोनों के लिए गंभीर सवाल खड़े करता है। घटना ने एक बार फिर भ्रष्टाचार और पुलिस की आंतरिक कार्यप्रणाली पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है।

Leave a Reply