Tuesday, December 16

3 बार फेल, फिर चौथी कोशिश में AIR-18 लाकर IAS बनीं सौम्या मिश्रा, UPSC एस्पिरेंट्स के लिए मिसाल

नई दिल्ली: कहा जाता है, “कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।” इस कहावत को सच कर दिखाया है सौम्या मिश्रा ने। यूपीएससी 2024 में चौथी बार प्रयास करने के बाद उन्होंने ऑल इंडिया रैंक (AIR) 18 हासिल कर IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया। उनकी यह सफलता कहानी लाखों UPSC एस्पिरेंट्स के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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शिक्षा और पृष्ठभूमि:
सौम्या उत्तर प्रदेश के उन्नाव की रहने वाली हैं। उनके पिता राघवेंद्र मिश्रा हिंदी प्रोफेसर हैं और मां रेणु मिश्रा गृहिणी। सौम्या ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन और दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की।

UPPCS से SDM बनीं, फिर UPSC की तैयारी:
UPPCS 2021 में रैंक-2 हासिल करने के बाद उन्हें SDM की नौकरी मिली। हालांकि, उनका सपना हमेशा UPSC क्रैक करके IAS बनने का था। इसके लिए उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की और लगातार मेहनत करती रहीं।

तीन बार असफलता, चौथी बार सफलता:
सौम्या को पहली तीन UPSC कोशिशों में असफलता मिली। उनमें से कभी प्रीलिम्स क्लियर न हो पाना तो कभी इंटरव्यू में कमी रह जाना वजह बना। चौथी बार प्रयास में उनका प्रयास रंग लाया और AIR-18 हासिल कर उन्होंने IAS की कुर्सी अपने नाम की।

मोटिवेशन और गाइडेंस:
अपनी SDM ड्यूटी के दौरान सौम्या ने ऑफिसियल जिम्मेदारियों के साथ पढ़ाई भी जारी रखी। इस दौरान डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट प्रियंका निरंजन ने उन्हें गाइडेंस और सपोर्ट दिया। उनके सहयोग और प्रेरणा ने सौम्या को SDM से IAS तक का सफर तय करने में मदद की।

UPSC एस्पिरेंट्स के लिए संदेश:
सौम्या ने कहा, “रिजेक्शन के बाद निराश होकर मत बैठिए। इस समय को अपनी गलतियों का विश्लेषण करने, फोकस्ड रहने और पॉजिटिव थिंकिंग में लगाइए। सफलता पाने के लिए लगातार कोशिश, मेहनत और परिवार व मेंटर्स का सपोर्ट बेहद जरूरी है।”

सौम्या मिश्रा की कहानी यह साबित करती है कि दृढ़ संकल्प और सही दिशा में मेहनत करने वाले व्यक्ति की हार नहीं होती।

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