Wednesday, December 17

**पाकिस्तान में असीम मुनीर बने ‘सुप्रीम लीडर’!

तीनों सेनाओं और परमाणु हथियारों पर पूरा नियंत्रण, भारत-पाक तनाव बढ़ने की आशंका**

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इस्लामाबाद/एजेंसियां: पाकिस्तान में एक ऐतिहासिक और विवादित बदलाव करते हुए आर्मी चीफ फील्ड मार्शल असीम मुनीर को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स (CDF) नियुक्त किया गया है। 27वें संविधान संशोधन के जरिए बना यह नया पद अब पाकिस्तान की आर्मी, नेवी और एयरफोर्स का सर्वोच्च कमान संभालेगा।

इसके साथ ही मुनीर को पाकिस्तान के न्यूक्लियर वेपन सिस्टम पर भी एकल नियंत्रण मिल गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पाकिस्तान में सेना की ताकत चरम पर पहुंच गई है और नागरिक सरकार लगभग प्रतीकात्मक बनकर रह गई है।

राजनीतिक हलचल के बिना सेना बनी सर्वशक्तिमान

अब तक पाकिस्तान में सेना तख्तापलट करके सत्ता हासिल करती रही है, लेकिन इस बार बिना किसी टकराव के उसने अपने अधिकारों का दायरा कई गुना बढ़ा लिया है।

1 नवंबर को संसद ने संशोधन पास कर जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) का पद खत्म कर दिया। 1976 में स्थापित यह पद तीनों सेनाओं में सबसे वरिष्ठ माना जाता था। इसकी जगह अब सीधे CDF को सुप्रीम कमान दे दी गई है।

राष्ट्रपति से भी अधिक शक्तिशाली बने मुनीर

संविधान संशोधन के बाद मुनीर को राष्ट्रपति जैसा ताउम्र कानूनी संरक्षित दर्जा (इम्युनिटी) मिला है।

  • अब NSC (राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद) के न्यूक्लियर प्रमुख की नियुक्ति भी वही करेंगे।
  • सैन्य ढांचे में बड़े बदलाव करने का अधिकार भी उन्हें मिल गया है।
  • सरकार की निगरानी शक्तियां काफी कम हो गई हैं।

इमरान सरकार गिरने के बाद तेजी से बढ़ी ताकत

नवंबर 2022 में आर्मी चीफ बने असीम मुनीर की शक्तियों में पिछले दो वर्षों में लगातार इजाफा होता रहा।
इमरान खान की सरकार गिरने के बाद शहबाज शरीफ के सत्ता में आने से मुनीर का कद और बढ़ा। भारत के साथ झड़प के बाद उन्हें फील्ड मार्शल बना दिया गया।

‘परवेज मुशर्रफ जितनी शक्ति’—विशेषज्ञ

रक्षा विशेषज्ञ नईम खालिद लोधी और साउथ एशिया मामलों के जानकार शुजा नवाज़ का कहना है—

  • “मुनीर आज पाकिस्तान के सबसे ताकतवर व्यक्ति हैं।”
  • “उनके पास वही शक्तियां हैं, जो कभी परवेज मुशर्रफ के पास थीं।”
  • “राजनीतिक दलों ने अपने स्वार्थों के लिए लोकतंत्र की बुनियाद कमजोर कर दी है।”

विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि संसद ने यह संशोधन सरकार की भविष्य की ‘इंश्योरेंस पॉलिसी’ के तौर पर पास किया है। मुनीर का 5 साल का कार्यकाल मौजूदा सरकार से लंबा चलेगा, और चुनावों में सत्ता को सैन्य समर्थन मिल सकता है।

भारत के लिए चिंता?

असीम मुनीर को भारत-विरोधी रुख के लिए जाना जाता है।
उनके हाथों में तीनों सेनाओं और परमाणु हथियारों का सीधा नियंत्रण आने से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं
विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले महीनों में सीमा पर या राजनयिक मोर्चे पर तनाव बढ़ सकता है

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