Tuesday, December 16

राजस्थान में ओपीएस को लेकर खुशखबरी, अब बोर्ड, निगम और यूनिवर्सिटी भी लागू कर सकेंगे योजना

जयपुर: राजस्थान सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब सरकारी विभागों के अलावा बोर्ड, निगम, यूनिवर्सिटी और स्वायत्त संस्थाएं भी अपने स्तर पर ओपीएस लागू कर सकती हैं। इसके लिए इन संस्थाओं को खुद ही फंड की व्यवस्था करनी होगी, क्योंकि सरकार इस योजना के लिए कोई वित्तीय सहायता नहीं देगी।

This slideshow requires JavaScript.

वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय लागू ओपीएस योजना बंद नहीं की जाएगी। 2022 के स्टेट बजट में 2004 या उसके बाद सेवा में शामिल हुए कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली की घोषणा की गई थी, जो अक्टूबर 2023 से लागू है। हालांकि, बोर्ड, निगम और स्वायत्त संस्थाओं को लेकर संशय की स्थिति थी, जिसे अब सुलझा दिया गया है।

वित्त विभाग के नए सर्कुलर में कहा गया है कि जिन संस्थाओं की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है, वे ओपीएस की जगह एनपीएस लागू कर सकती हैं। वहीं, जिनकी वित्तीय स्थिति मजबूत है, उन्हें ओपीएस लागू करना अनिवार्य होगा।

ओपीएस योजना के लाभ:
ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद पेंशन प्राप्त करते हैं। इसमें हर महीने वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में देने का प्रावधान है, जिसमें कर्मचारी का कोई योगदान नहीं होता। योजना पूरी तरह सरकारी खर्च पर आधारित है। इसके अलावा, इसमें 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी, महंगाई भत्ता, जनरल प्रोविडेंट फंड (जीएफ) और कर्मचारी की मृत्यु पर परिजनों को पेंशन की सुविधा शामिल है।

वित्त विभाग ने साफ कर दिया है कि पहले से लागू ओपीएस योजना बंद नहीं की जाएगी, लेकिन जो संस्थाएं आत्मनिर्भर हैं, उन्हें अपने स्तर पर फंड व्यवस्था करके यह योजना लागू करनी होगी।

Leave a Reply