Wednesday, December 17

अब हाइवे नहीं होंगे ‘मदहोश’! राजस्थान हाईकोर्ट ने शराब ठेकों को हटाने का दिया सख्त आदेश

जोधपुर (राजस्थान): राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अब स्टेट और नेशनल हाईवे के किनारे शराब के ठेके नहीं चलेंगे। अदालत ने प्रदेश में हाईवे के 500 मीटर के दायरे में संचालित 1102 शराब की दुकानों को दो महीने के भीतर हटाने का आदेश दिया।

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जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने कहा कि सरकार ने हाईवे को “लिकर-फ्रेंडली कॉरिडोर” बना दिया था, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चाहे ये ठेके नगरपालिका या शहरी क्षेत्र में ही क्यों न हों, अगर वे हाईवे पर हैं, तो उन्हें हटाना होगा।

सरकार की दलील खारिज
सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि ये 1102 ठेके शहरी/नगरपालिका क्षेत्र में आते हैं और इनसे सालाना 2221.78 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है। लेकिन हाईकोर्ट ने इसे सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि 2200 करोड़ के लिए लोगों की जान खतरे में नहीं डाली जा सकती। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का मजाक बनाया।

सड़क हादसों और ‘ड्रंक एंड ड्राइव’ का हवाला
हाईकोर्ट ने वर्ष 2025 में ड्रंक एंड ड्राइव के मामलों में 8% की वृद्धि का हवाला दिया। सितंबर 2025 तक ऐसे मामले 43,788 तक पहुंच गए हैं। हाल ही में जयपुर के हरमाड़ा और फलोदी में हुए हादसों का उल्लेख करते हुए अदालत ने कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाना जानलेवा साबित हो रहा है

सख्त निर्देश

  1. स्टेट और नेशनल हाईवे से 500 मीटर की दूरी में कोई भी शराब की दुकान नहीं चलेगी।
  2. इन 1102 दुकानों को दो महीने के भीतर हटाया जाएगा।
  3. शराब के कोई भी होर्डिंग या विज्ञापन हाईवे से दिखाई नहीं देंगे।
  4. अगली सुनवाई 26 जनवरी 2026 को होगी, जिसमें आबकारी आयुक्त को पालन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

राजस्थान में कुल 7765 शराब की दुकानें हैं, जिनसे वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 17,200 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। लेकिन हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जनता की सुरक्षा किसी भी राजस्व से बढ़कर है।

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