
लखनऊ, 26 नवंबर।
संविधान दिवस के अवसर पर बुधवार को लखनऊ स्थित लोक भवन सभागार में आयोजित भव्य समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान के सम्मान और नागरिक कर्तव्यों पर जोर देते हुए कहा कि “भारत के संविधान का अपमान करना बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान है।” उन्होंने कहा कि संविधान केवल अधिकारों का दस्तावेज नहीं, बल्कि कर्तव्यों का पवित्र संकल्प भी है।
संविधान की महत्ता पर जोर
सीएम योगी ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे समावेशी संविधान है, जिसने लागू होने के पहले ही दिन हर वयस्क नागरिक को वोट देने का अधिकार दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नागरिक चाहे किसी भी जाति, क्षेत्र, धर्म या पूजा पद्धति से जुड़ा हो, उसे वोट के अधिकार का समान अवसर प्राप्त है।
मुख्यमंत्री ने नागरिकों को स्मरण कराया कि जब कोई व्यक्ति अपने कर्तव्यों को भूलकर केवल अधिकारों की मांग करता है, तब लोकतंत्र कमजोर होने लगता है।
ऐतिहासिक यात्रा का उल्लेख
योगी आदित्यनाथ ने डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान निर्माताओं के योगदान को याद करते हुए कहा कि दो वर्ष, 11 महीने और 18 दिन की कठोर मेहनत से यह संविधान तैयार हुआ। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ियां स्वतंत्रता संघर्ष की पीड़ा को नहीं जानतीं, इसलिए संविधान दिवस मनाना आवश्यक है, जिससे नागरिक मूल संवैधानिक मूल्यों से जुड़े रहें।
सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में संविधान दिवस की शुरुआत इसी उद्देश्य से की गई थी।
पंच-प्रण का आह्वान
मुख्यमंत्री ने विकसित भारत 2047 के संकल्प का उल्लेख करते हुए नागरिकों से पंच-प्रण को अपनाने की अपील की। इसमें शामिल हैं—
- गुलामी की मानसिकता से मुक्ति
- विरासत एवं संस्कृति का सम्मान
- वर्दीधारी बलों का आदर
- सामाजिक एकता
- नागरिक कर्तव्यों का ईमानदार पालन
उन्होंने कहा कि छात्र, शिक्षक, व्यापारी, और सरकारी कर्मचारी—सभी अपने कार्यों में ईमानदारी दिखाएं, यही संविधान का सच्चा सम्मान है।
सामाजिक सौहार्द्र पर संदेश
सीएम योगी ने कहा कि जाति, भाषा या क्षेत्र के नाम पर समाज में वैमनस्य फैलाने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे प्रयास राष्ट्र को कमजोर करते हैं।
उन्होंने बताया कि विकसित भारत–विकसित यूपी सुझाव अभियान में 98 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया, जो बड़ी जनभागीदारी का संकेत है। सरकार उत्कृष्ट सुझावों को जिला एवं राज्य स्तर पर सम्मानित करेगी।
अधिकार के साथ कर्तव्य भी आवश्यक
सीएम ने नागरिक कर्तव्यों के महत्व को उदाहरणों के माध्यम से समझाते हुए कहा कि पड़ोस में लगी आग को बुझाने में योगदान नहीं देना अंततः स्वयं को नुकसान पहुंचाता है।
उन्होंने कहा कि “काम करो और काम का उचित दाम दो” जैसी सोच ही लोकतंत्र की मजबूती है।
डिप्टी सीएम भी रहे मौजूद
कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी शामिल हुए।
मौर्य ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक परंपरा दुनिया में अद्वितीय है और संविधान विरोधी गतिविधियों को जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी।
वहीं ब्रजेश पाठक ने कहा कि संविधान जितने अधिकार देता है, उतने ही कर्तव्य भी निर्धारित करता है। समानता, भाईचारा और कानून का सम्मान हर नागरिक की जिम्मेदारी है।