Thursday, December 18

राम मंदिर के शिखर पर कोविदार वृक्ष: त्रेतायुग का प्रतीक फिर लौटा अयोध्या में

अयोध्या: मंगलवार सुबह अभिजीत मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्य राम मंदिर के मुख्‍य शिखर पर धर्म ध्वजा फहरा दी। इस ध्वज की सबसे खास विशेषता इसके प्रतीक हैं – कोविदार वृक्ष और सूर्य। सूर्य भगवान राम के सूर्यवंश का प्रतीक है, जबकि कोविदार वृक्ष त्रेतायुग में अयोध्या का राजचिन्ह था। इसे रामराज्य की राजसत्ता, शौर्य और धर्म का प्रतीक माना जाता था।

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कोविदार वृक्ष को मंदार और पारिजात के संकरण से माना जाता है और इसे ऋषि कश्यप ने बनाया था। आयुर्वेद में इसके फूल, पत्तियां और छाल कई रोगों की औषधि के रूप में उपयोगी मानी जाती हैं। कहा जाता है कि यह वृक्ष देवताओं का प्रिय है और इसके आसपास सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

त्रेतायुग के बाद अब कलियुग में यह वृक्ष राम मंदिर के मुख्‍य शिखर पर रामराज्य के संकल्पों की याद दिलाता रहेगा। भगवा रंग के तिकोने ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट है। इसके डिज़ाइन में भगवान श्री राम की प्रतिभा और वीरता का प्रतीक सूर्य और कोविदार वृक्ष की छवि के साथ ‘ॐ’ अंकित किया गया है। ध्वज का रंग त्याग और भक्ति का संदेश देता है।

इस तरह, राम मंदिर के शिखर पर फहराया गया यह ध्वज न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि रामराज्य के आदर्शों और अयोध्या की पवित्रता का प्रतीक भी है।

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