Tuesday, December 16

कोलकाता एयरपोर्ट से रहस्यमयी विमान की विदाई: 13 साल लावारिस पड़ा रहा बोइंग 737, रिकॉर्ड से भी गायब! अब बनेगा ट्रेनिंग प्लेन

कोलकाता। कोलकाता हवाई अड्डे के दक्षिण-पूर्वी कोने पर पिछले 13 वर्षों से खड़ा एक लावारिस बोइंग 737-200 विमान आखिरकार एयरपोर्ट परिसर से बाहर ले जाया गया। 14 नवंबर को ट्रैक्टर-ट्रेलर पर इस विमान को बेंगलुरु रवाना किया गया, जहां इसका इस्तेमाल विमान रखरखाव इंजीनियरों के प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा। पिछले पांच वर्षों में एयरपोर्ट से हटाया गया यह 14वां बंद विमान है।

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क्यों है यह विमान खास?

यह विमान केवल बेकार नहीं पड़ा था, बल्कि इसके पीछे एक बेहद दिलचस्प और हैरान करने वाली कहानी भी जुड़ी है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिस एयरलाइन—एयर इंडिया—के नाम पर यह विमान दर्ज था, उसे खुद इस विमान के अस्तित्व के बारे में जानकारी नहीं थी। यह विमान कंपनी के रिकॉर्ड और दस्तावेजों में दर्ज ही नहीं था। एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन के अनुसार, कोलकाता एयरपोर्ट अधिकारियों ने जब इसकी जानकारी दी, तभी कंपनी को पता चला कि यह विमान उनका है।

कंपनी के रिकॉर्ड से गायब!

एयर इंडिया के निजीकरण के बाद यह विमान कंपनी के बहीखातों और दस्तावेजों से गायब हो गया था। यहां तक कि इसके मूल कागजात भी कंपनी के पास नहीं मिले। यह स्थिति एयरलाइन प्रबंधन के लिए भी हैरानी का कारण बनी।

विमान का सफर

  • 1982 में इंडियन एयरलाइंस बेड़े में शामिल
  • 1998 में एलायंस एयर को पट्टे पर दिया गया
  • 2007 में मालवाहक विमान के रूप में उपयोग
  • एयर इंडिया में विलय के बाद हस्तांतरण
  • 2012 में अंतिम उड़ान, डाक विभाग द्वारा उपयोग

रिटायरमेंट के बाद इसे कोलकाता एयरपोर्ट पर खड़ा कर दिया गया, जहां 13 साल तक यह बिना किसी उपयोग के जंग खाता रहा।

1 करोड़ रुपए पार्किंग शुल्क

दिलचस्प बात यह है कि एयर इंडिया को इस विमान के लिए करीब 1 करोड़ रुपये पार्किंग शुल्क के रूप में चुकाने पड़े। एयरलाइन ने इसे बेंगलुरु एयरपोर्ट प्राधिकरण को प्रशिक्षण उपयोग के लिए बेच दिया है।

अनोखी विशेषताएं

इस विमान की दो बातें इसे और विशेष बनाती हैं—

  1. एयर इंडिया को अपने ही विमान की जानकारी नहीं थी
  2. यह एकमात्र ऐसा बोइंग 737 था जिसे इंजन सहित बेचा गया, जबकि बाकी विमान बिना इंजन के निपटाए गए

अन्य हटाए गए विमान

कोलकाता एयरपोर्ट से अब तक कई पुराने विमान हटाए जा चुके हैं, जिनमें ऐतिहासिक डगलस डीसी-3 डकोटा भी शामिल है, जिसे ओडिशा ले जाकर बहाली के बाद प्रदर्शन पर रखा गया है। वर्तमान में एयरपोर्ट पर केवल दो खराब ATR विमान बचे हैं।

हवाई अड्डा प्रबंधन जल्द ही उस स्थान पर नया हैंगर स्थापित करेगा, जहां यह विमान वर्षों तक खड़ा रहा था।

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