Tuesday, December 16

सोनभद्र खदान हादसा: मैनेजमेंट और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग, 50 लाख रुपये मुआवजा की डिमांड

ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी, सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में बिल्ली-मारकुंडी खदान हादसे के बाद आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। हादसे में हुई लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को लेकर विपक्ष और सामाजिक संगठन सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

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युवा कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन

शनिवार को युवा कांग्रेस सोनभद्र के जिलाध्यक्ष शशांक मिश्रा अपने कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों को विस्तृत ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि खदान क्षेत्र में लंबे समय से सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही थी। स्थानीय निवासियों और मजदूरों की शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे यह बड़ा हादसा हुआ।

अवैध विस्फोटक की आपूर्ति की जांच की मांग

युवा कांग्रेस ने खदानों में प्रयुक्त भारी मात्रा के विस्फोटकों की आपूर्ति और निगरानी पर सवाल उठाया। संगठन ने चेताया कि यदि इस पर सख्ती नहीं की गई, तो अवैध विस्फोटक किसी बड़े आपराधिक या आतंकी घटना में भी इस्तेमाल हो सकते हैं। पूर्व प्रदेश महासचिव धीरज पांडेय ने कहा कि यह हादसा प्राकृतिक नहीं, बल्कि प्रशासन-खनन माफिया गठजोड़ की विफलता का परिणाम है।

मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग

युवा कांग्रेस ने मृतक आश्रितों को 50 लाख रुपये मुआवजा, प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और घायलों के लिए निशुल्क उपचार की मांग उठाई। साथ ही जिले की सभी खदानों की उच्चस्तरीय सुरक्षा जांच कराने की आवश्यकता भी जताई गई।

न्याय की मांग

ज्ञापन सौंपने के बाद शशांक मिश्रा ने कहा कि पीड़ितों को न्याय तभी मिलेगा, जब दोषियों पर बिना किसी राजनीतिक या प्रशासनिक दबाव के कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान कई कार्यकर्ता, जैसे रोहिल मिश्रा, सूर्या, मृदुल मिश्रा, रोहित कुमार और शेखर उपस्थित रहे।

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