Wednesday, December 17

विधायक को खड़े होकर सलाम न करने पर हुई कार्रवाई, हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को लगाई कड़ी फटकार

चंडीगढ़ः कोविड इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात एक डॉक्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करना हरियाणा सरकार के लिए भारी पड़ गया। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार के इस कदम को अनुचित बताते हुए न केवल कड़ी आपत्ति दर्ज की, बल्कि राज्य सरकार पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

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ड्यूटी पर थे डॉक्टर, पहचान नहीं पाए विधायक

मामला उस समय का है जब सरकारी अस्पताल में कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के रूप में कार्यरत डॉ. मनोज कोविड महामारी के दौरान इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी निभा रहे थे। इसी दौरान एक स्थानीय विधायक अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टर ने खड़े होकर अभिवादन नहीं किया।

  • डॉक्टर का कहना था कि वह विधायक को पहचान नहीं पाए थे
  • उनका किसी तरह का अपमान करने का इरादा नहीं था
    इसके बावजूद कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।

कोर्ट ने कहा—यह बेहद चिंताजनक

हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए टिप्पणी की—

  • किसी डॉक्टर से महामारी के दौरान ऐसे व्यवहारिक प्रोटोकॉल की उम्मीद करना असंवेदनशीलता है
  • सार्वजनिक पद का इस्तेमाल इस तरह के कदमों के लिए नहीं किया जा सकता
  • डॉक्टर की सफाई को नजरअंदाज करना उचित नहीं था

डॉक्टर को मिलेगा एनओसी जारी करने का आदेश

डॉ. मनोज ने याचिका दायर कर बताया कि कार्रवाई लंबित होने के कारण वह अपनी पोस्टग्रेजुएट मेडिकल पढ़ाई शुरू नहीं कर पा रहे थे।
कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया—

  • डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई रद्द की जाए
  • तुरंत नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी किया जाए

इस फैसले के बाद मेडिकल समुदाय में राहत की भावना देखी जा रही है। अदालत ने साफ संदेश दिया है कि संकट के दौर में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों का सम्मान करना ही राज्य की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए, न कि उन्हें अनावश्यक रूप से दंडित करना।

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