Friday, December 19

दिल्ली ब्लास्ट के बाद यूपी के मदरसे रडार पर, कानपुर-फतेहपुर में कार्रवाई तेज

लखनऊ/अभय सिंह राठौड़। देश की राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियों की जांच लगातार तेज हो गई है। खासकर उत्तर प्रदेश के कानपुर और फतेहपुर जिले के मदरसों पर निगरानी बढ़ाई गई है। जांच एजेंसियां इस बात की जानकारी जुटा रही हैं कि कहीं आतंकियों का नेटवर्क मदरसों से तो नहीं जुड़ा हुआ।

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मदरसे और आतंकियों का कनेक्शन

सूत्रों के मुताबिक, कानपुर के आउटर इलाकों और कुछ मदरसों में रहने वाले कट्टरपंथी तत्वों का सीधा संबंध दिल्ली विस्फोट में गिरफ्तार डॉ. शाहीन सईद, डॉ. परवेज और डॉ. आदिल से जुड़ा है। इसी कारण सुरक्षा एजेंसियां मदरसों में पढ़ने और पढ़ाने वाले सभी छात्रों और मौलवियों का डेटा मोबाइल नंबर सहित जुटा रही हैं।

40 करोड़ से ज्यादा का संदिग्ध लेन-देन

जांच में पता चला है कि डॉ. शाहीन और डॉ. आरिफ के मोबाइल फोन में कई संदिग्ध संपर्क नंबर मिले हैं। इसके साथ ही उनके बैंक खातों की जांच में 40 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेन-देन का खुलासा हुआ। कई संदिग्ध खातों को फ्रीज कर दिया गया है।

कानपुर-फतेहपुर पर विशेष निगरानी

कानपुर और फतेहपुर के मदरसों का पूरा रिकॉर्ड अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने तीन दिनों के भीतर तलब किया है। एटीएस ने छात्रों, शिक्षकों और वित्तीय लेन-देन से जुड़ी सभी जानकारी जुटाने के निर्देश दिए हैं। फतेहपुर के कुछ मदरसे पहले भी संदिग्ध गतिविधियों में चिन्हित हो चुके हैं। अवैध धर्मांतरण के मामलों में जेल में बंद मौलाना उमर गौतम का संबंध भी यहीं के मदरसों से था।

भविष्य की कार्रवाई

जांच एजेंसियां अब मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों, मौलवियों और संबंधित संस्थानों के वित्तीय लेन-देन की गहन पड़ताल कर रही हैं। कानपुर, फतेहपुर, हमीरपुर और महोबा के मदरसों की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि दिल्ली ब्लास्ट जैसी घटनाओं को रोकने के लिए समय रहते प्रभावी कदम उठाए जा सकें।

विशेष: सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि मदरसों से जुड़े सभी संदिग्धों की जांच जल्द पूरी कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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