Thursday, December 18

बिहार में सत्ता की नई (पुरानी) तिकड़ी: नीतीश कुमार फिर सीएम, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा उपमुख्यमंत्री

पटना, 19 नवंबर 2025: बिहार में सत्ता के शिखर पर पुरानी तिकड़ी ही एक बार फिर सत्ता में लौट रही है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने अपने विधायक दल के नेता के रूप में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से चुना है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने विधायक दल के नेता और उपनेता के रूप में क्रमशः सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को चुना है। इसके साथ ही यह तय हो गया कि नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, जबकि सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगे।

This slideshow requires JavaScript.

शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में आयोजित किया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कई केंद्रीय मंत्री और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। अनुमान है कि समारोह में लाखों आम जनता भी शामिल होंगी।

बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और उपनेता के रूप में विजय कुमार सिन्हा को सर्वसम्मति से चुना गया है। दोनों ने पिछली बार भी उपमुख्यमंत्री के रूप में उत्कृष्ट कार्य किया है।”

जदयू के वरिष्ठ नेता नीरज कुमार ने विपक्ष को कटाक्ष करते हुए कहा, “बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एसआईआर को लेकर विपक्ष ने भ्रम फैलाया, लेकिन जनता ने इसका पूरी तरह खारिज कर दिया। अब विपक्ष की मानसिक स्थिति और हताशा साफ दिखाई दे रही है।”

नई सरकार में मंत्रिमंडल का आकार भी लगभग तय हो गया है। सूत्रों के अनुसार, जदयू और बीजेपी के अधिकांश वर्तमान मंत्री अपनी जिम्मेदारी दोहराएंगे। वहीं, लोजपा को तीन, हम और RLM को एक-एक मंत्री पद मिलने की संभावना है।

राजनीतिक गलियारों में ये भी चर्चा है कि प्रेम कुमार को इस बार विधानसभा का स्पीकर बनाया जा सकता है। जदयू और बीजेपी दोनों दलों में कुछ नए चेहरे भी मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।

बीते दिनों बिहार में एनडीए को मिली प्रचंड जीत के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने स्पष्ट किया कि “मुख्यमंत्री पद का चेहरा केवल नीतीश कुमार ही होंगे।” वहीं, जदयू सांसद रामप्रीत मंडल ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में अधूरे रह गए विकास कार्यों को अगले पांच वर्षों में पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

बिहार की राजनीति में यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जब जनता ने फिर से नीतीश कुमार और उनके नेतृत्व में एनडीए को भारी जनादेश दिया है। शपथ ग्रहण समारोह के बाद बिहार में सत्ता का स्थायी स्वरूप स्पष्ट हो जाएगा।

Leave a Reply