Wednesday, December 17

अमित शाह की समयसीमा से 12 दिन पहले ही मारा गया कुख्यात नक्सली हिडमा, सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा माओवादी कमांडर माडवी हिडमा को खत्म करने के लिए तय की गई 30 नवंबर की समयसीमा से 12 दिन पहले ही सुरक्षा बलों ने हिडमा को मार गिराया। यह ऑपरेशन आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित घने पुल्लागंडी जंगलों में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

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सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री ने देश से माओवाद उन्मूलन की दिशा में 31 मार्च 2026 तक की समयसीमा तय की थी। इसी योजना के तहत, एक समीक्षा बैठक में शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को हिडमा को 30 नवंबर से पहले खत्म करने का निर्देश दिया गया था। इस लक्ष्य को पहले ही पूरा कर लिया गया।

सूत्रों ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की तीव्रता को देखते हुए गृह मंत्री द्वारा तय मार्च 2026 की समयसीमा से भी पहले वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने की संभावना है।

हिडमा, जो 1981 में सुकमा में जन्मा था, पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की एक बटालियन का कमांडर और माओवादी केंद्रीय समिति का सदस्य था। माना जाता है कि वह बस्तर से इस प्रतिबंधित संगठन में शामिल होने वाला एकमात्र आदिवासी सदस्य था।

इसके अलावा, हिडमा का नाम 26 से अधिक बड़े नक्सली हमलों में सामने आया था, जिससे वह भारत के सबसे खूंखार नक्सलियों में गिना जाने लगा।

विशेष टिप्पणी: इस सफलता से न केवल सुरक्षा बलों की क्षमता साबित होती है, बल्कि देश में माओवादी उग्रवाद के खिलाफ सरकार की सख्त नीति को भी मजबूती मिलती है।

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