Thursday, December 18

राजस्थान के नए मुख्य सचिव बनने जा रहे हैं वी. श्रीनिवास: जानिए उनके अनुभव और वरिष्ठता

जयपुर: राजस्थान सरकार ने राजस्थान काडर के सीनियर आईएएस अधिकारी वी. श्रीनिवास को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त करने का निर्णय लिया है। हालांकि, राज्य सरकार की ओर से अभी औपचारिक आदेश जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन केंद्रीय सरकार द्वारा उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से रिलीव कर राजस्थान लौटने की अनुमति देने के बाद यह तय हो गया है कि राजस्थान के प्रशासन की कमान अब श्रीनिवास के हाथों में होगी।

This slideshow requires JavaScript.

वी. श्रीनिवास की वरिष्ठता और अनुभव

वी. श्रीनिवास राजस्थान काडर में वरिष्ठता में दूसरे स्थान पर हैं, उनके बाद 1989 बैच के आईएएस अधिकारी सुबोध अग्रवाल का नाम आता है। सुबोध अग्रवाल को मुख्य सचिव बनाए जाने के संभावनाएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं, क्योंकि वे अगले महीने रिटायर होने वाले हैं और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी हैं। इसके अलावा, उनके खिलाफ ईडी ने कई बार छापेमारी की है, जिससे उनकी मुख्य सचिव बनने की राह में बाधाएं आई हैं।

वाजपेयी सरकार में महत्वपूर्ण भूमिकाएं

वी. श्रीनिवास का करियर काफी शानदार और विविध रहा है। वे पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के रिश्तेदार भी हैं, क्योंकि उनकी पत्नी राव जी की नातिन हैं। इसके साथ ही, उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान भी महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री जसवंत सिंह के निजी सचिव रहे और बाद में भारत के कार्यकारी निदेशक के तकनीकी सहायक के रूप में वाशिंगटन में भी अपनी सेवाएं दीं।

लंबे समय तक केंद्रीय सेवाओं में रहे

वी. श्रीनिवास की सेवाएं केवल राज्य स्तर तक सीमित नहीं रही हैं। वे लंबे समय तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे और कई महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया। वर्ष 1992 में आईएएस के रूप में सेवा में आए श्रीनिवास पाली और जोधपुर जैसे महत्वपूर्ण जिलों में कलेक्टर रहे। इसके बाद, उन्होंने वाशिंगटन में इंटरनेशनल मोनेटरी फंड में भारत के कार्यकारी निदेशक के तकनीकी सहायक के रूप में काम किया।

वी. श्रीनिवास का राजस्थान लौटना

अब जब केंद्र सरकार ने उन्हें रिलीव कर दिया है, तो उनका राजस्थान काडर में लौटना तय हो गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और वी. श्रीनिवास की दिल्ली में मुलाकात भी हो चुकी है, और अब बस राज्य सरकार के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। श्रीनिवास के प्रशासनिक अनुभव और वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी का अगला मुखिया माना जा रहा है।

राजस्थान के राजनीतिक और प्रशासनिक परिवेश में उनका अनुभव और उनकी पकड़ इस समय राज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

Leave a Reply