Thursday, December 18

विभिन्न राज्यों में उपचुनाव: कांग्रेस और बीजेपी का स्कोर बराबर, 8 सीटों पर निर्णायक नतीजे

श्रीनगर/जयपुर/भुवनेश्वर/हैदराबाद/अमृतसर/झारखंड: आज अलग-अलग राज्यों की आठ विधानसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजे सामने आए। इस दौर में बीजेपी और कांग्रेस ने दो-दो सीटों पर जीत दर्ज की। इसके अलावा मिजोरम, पंजाब, तेलंगाना और झारखंड में भी उपचुनाव में अपने उम्मीदवारों ने बढ़त बनाई।

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मुख्य नतीजे इस प्रकार हैं:

  • नगरोटा (जम्मू-कश्मीर): बीजेपी की देवयानी राणा ने 24 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की। देवयानी राणा को कुल 42,350 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी हर्ष देव सिंह (जेकेएनपीपी) को 17,703 वोट मिले। नगरोटा सीट पूर्व विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के कारण खाली हुई थी।
  • बडगाम (जम्मू-कश्मीर): पीडीपी के आगा सैयद मुंतजिर मेहदी अपने नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रतिद्वंद्वी से 5,240 वोटों से आगे हैं। यह सीट मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी।
  • डंपा (मिजोरम): मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के आर लालथंगलियाना ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी वनलालसैलोवा को 562 वोटों से हराया और डंपा सीट बरकरार रखी।
  • अंता (राजस्थान): कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया ने बीजेपी के मोरपाल समन को 15 हजार वोटों के अंतर से पराजित किया। यह उपचुनाव पूर्व विधायक कंवर लाल मीणा के अयोग्य घोषित होने के बाद हुआ।
  • नुआपाड़ा (ओडिशा): बीजेपी के जय ढोलकिया ने कांग्रेस और बीजू जनता दल के उम्मीदवारों को भारी वोटों से मात दी। ढोलकिया को 97,789 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के घासी राम माझी को 32,191 वोट मिले।
  • तरनतारन (पंजाब): आम आदमी पार्टी के हरमीत सिंह संधू ने अकाली दल की सुखविंदर कौर रंधावा को 12,091 वोटों के अंतर से हराया। यह सीट पूर्व विधायक कश्मीर सिंह सोहल के निधन के बाद खाली हुई थी।
  • जुबली हिल्स (तेलंगाना): कांग्रेस के वी नवीन यादव ने बीआरएस की मगंती सुनीता को 24 हजार से अधिक वोटों से हराकर जीत दर्ज की। यादव को कुल 98,988 वोट मिले।
  • घाटशिला (झारखंड): झामुमो के सोमेश चंद्र सोरेन ने बीजेपी के बाबूलाल सोरेन को 23,857 मतों के अंतर से पराजित किया। यह उपचुनाव पूर्व विधायक रामदास सोरेन के निधन के कारण हुआ।

विश्लेषण:
इस उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने बराबर प्रदर्शन किया है। वहीं, क्षेत्रीय पार्टियों ने अपने गढ़ में मजबूत पकड़ बनाए रखी। इन नतीजों से राज्य स्तर पर राजनीतिक समीकरण प्रभावित होंगे और आगामी विधानसभा कार्यकाल में पार्टियों की रणनीति पर असर पड़ेगा।

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