Wednesday, December 17

ऑपरेशन सिंदूर में फेल हुए तुर्की ड्रोन, पाकिस्तान अब यूरोप और रूस की शरण में

इस्लामाबाद/नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की के किलर ड्रोन की असफलता के बाद पाकिस्तान की सेना अब यूरोप, रूस और यूक्रेन से म‍िलिट्री ग्रेड ड्रोन तकनीक हासिल करने की कोशिश कर रही है। पाकिस्तानी अधिकारी भारत की सुरक्षा पर खतरा बढ़ने की आशंका के बीच इस योजना को गुप्त रखना चाहते हैं।

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क्या है हालात

  • पाकिस्तान तुर्की और चीन के ड्रोन पर निर्भरता कम कर यूरोपीय और रूसी कंपनियों के साथ संपर्क कर रहा है।
  • समझौतों के तहत यूरोप की एक कंपनी और पाकिस्तानी सरकारी रक्षा कंपनी हैवी इंडस्ट्री तक्षशिला के बीच ड्रोन तकनीक का ट्रांसफर हो सकता है।
  • पाकिस्तानी ड्रोन की ताकत बढ़ने से भारत की पश्चिमी सीमाओं पर खतरा बढ़ सकता है।

भारत की तैयारी

भारतीय सेना पाकिस्तान के ड्रोन हमलों के खतरे को देखते हुए उच्च तकनीक वाले ड्रोन और ड्रोन वारफेयर क्षमताओं को मजबूत कर रही है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ड्रोन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और पाकिस्तानी सेना ने कई हमलों की कोशिश की, जिन्हें भारतीय सेना ने नाकाम किया।

संकट की वजह

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पाकिस्तान यूरोपीय और रूसी ड्रोन तकनीक हासिल करने में सफल हो जाता है, तो यह उसकी ड्रोन वारफेयर क्षमता को अत्यधिक बढ़ा देगा। इससे भारत की तेल, ऊर्जा और लॉजिस्टिक हब की सुरक्षा चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

नई दिल्ली की नजर: भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए हैं और सीमाओं पर ड्रोन सुरक्षा को बढ़ा रही हैं।

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