Tuesday, December 16

वंदे भारत स्लीपर: 180 किमी/घंटा रफ्तार में भी पानी के गिलास रहे स्थिर

नई दिल्ली: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की ट्रायल रनिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस बार ट्रेन के पैसेंजर कोच में विंडो सीट पर तीन गिलास पानी रखकर टेस्ट किया गया, जिसमें 180 किमी/घंटा की रफ्तार के बावजूद पानी का एक भी बूंद नहीं छलका।

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टेस्टिंग का तरीका:
BEML और ICF के तकनीकी सहयोग से विकसित वंदे भारत स्लीपर कोच में ट्रेन की स्पीड और Stability की जांच की गई। टेस्ट में गिलासों को एक-दूसरे के ऊपर भी रखा गया, फिर भी वे पूरी तरह स्थिर नजर आए। वीडियो में देखा जा सकता है कि लगभग 47 सेकंड तक यह परीक्षण चलता है और पानी बिल्कुल नहीं हिलता।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ:
@gemsofbabus_ नाम के यूजर ने वीडियो पोस्ट करते हुए बताया कि ट्रेन ने 180 किमी/घंटा की गति पकड़ी और पानी के तीनों गिलास स्थिर रहे। यह वीडियो ढाई लाख के करीब व्यूज और साढ़े 8 हजार लाइक्स के साथ 300 से ज्यादा कमेंट्स पा चुका है।

यूजर्स ने ट्रेन की स्थिरता की तारीफ की, लेकिन कुछ ने हाई-स्पीड ट्रेनों की वास्तविक क्षमता को लेकर सवाल उठाए। एक यूजर ने पूछा कि इमरजेंसी ब्रेक लगने पर यात्रियों की सुरक्षा कैसी होगी। वहीं, दूसरे ने कहा कि रेलवे को इस गति को स्टैंडर्ड बनाने के लिए नेटवर्क में तीसरी और चौथी पटरियों का निर्माण तेज करना होगा।

विशेषज्ञों का कहना:
टेस्टिंग से स्पष्ट होता है कि वंदे भारत स्लीपर लंबी यात्राओं में आराम और स्थिरता के लिहाज से एक नई मिसाल पेश करेगी। हालांकि, इसकी वास्तविक क्षमता तभी पूरी तरह देखने को मिलेगी जब इसे व्यावहारिक नेटवर्क में चलाया जाएगा।

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