Wednesday, December 17

बार-बार दिए गए पर्यावरणीय निर्देशों का पालन करने में विफल रही और इससे क्षेत्र की वायु गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ रहा था।

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हापुड़ में मदर डेयरी पिलखुवा यूनिट सील करने का आदेश, प्रदूषण नियंत्रण में लापरवाही पर आयोग की सख्त कार्रवाई
वायु गुणवत्ता आयोग ने 28 अक्टूबर को जारी किया आदेश, अब अन्य इकाइयों पर भी होगी निगरानी

हापुड़। वायु प्रदूषण नियंत्रण नियमों की अनदेखी मदर डेयरी को भारी पड़ गई। गाजियाबाद-हापुड़ रोड स्थित मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड की पिलखुवा यूनिट को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। यह कार्रवाई औचक निरीक्षण में सामने आई खामियां
आयोग की टीम ने 20 सितंबर 2025 को पिलखुवा यूनिट का औचक निरीक्षण किया था। जांच के दौरान पाया गया कि प्लांट में प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों का सही संचालन नहीं हो रहा था और अपशिष्ट उत्सर्जन मानकों से अधिक था। आयोग ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए तत्काल प्रभाव से यूनिट बंद करने का आदेश दिया।

प्रदूषण फैलाने पर अब सख्ती तय
CAQM ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की वायु गुणवत्ता लगातार ‘गंभीर श्रेणी’ में बनी हुई है, ऐसे में किसी भी औद्योगिक इकाई को प्रदूषण फैलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। आयोग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि भविष्य में जो भी इकाइयां पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों की अनदेखी करेंगी, उनके खिलाफ भी इसी तरह की कठोर कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय उद्योगों में मचा हड़कंप
आदेश जारी होने के बाद हापुड़ और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में हलचल मच गई है। आयोग ने मदर डेयरी यूनिट के प्रबंधक अमित द्विवेदी को आदेश की प्रति भेजते हुए तुरंत संचालन बंद करने के निर्देश दिए हैं। यह यूनिट हापुड़ रोड पर 18वें किलोमीटर पत्थर पर स्थित है।

इस कार्रवाई को आयोग के पर्यावरणीय मानकों को सख्ती से लागू करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस तरह की कड़ाई जारी रही तो एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।

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