
पटना: बिहार की राजनीति में इन दिनों तेजस्वी यादव के यूरोप दौरे और लालू परिवार में चल रही हक की लड़ाई चर्चा का विषय बनी हुई है। इसी बीच, लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर अपनी मांग रखी और बेटियों के हक, मायके में सम्मान और सरकारी उपादानों की अपर्याप्तता को लेकर सवाल उठाए।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह लालू यादव और राबड़ी देवी का पारिवारिक मामला है। उन्होंने कहा, “रोहिणी आचार्य के हक के मामले पर विचार करना उनके परिवार की जिम्मेदारी है। मुझे लगता है कि परिवार के लोग ही इसे सुलझाएं।”
डॉ. जायसवाल ने आगे कहा कि राजद के पास अब कोई ठोस काम नहीं है और वे मुद्दाविहीन हो चुके हैं। उन्होंने तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनके वादे वास्तविक नहीं हैं। “बिहार में आजादी के 78 सालों में 20–22 लाख लोगों को रोजगार मिला है, जबकि वे 3 करोड़ 80 लाख परिवारों को नौकरी देने का दावा कर रहे हैं। इससे साफ है कि उनकी सोच नहीं है,” उन्होंने कहा।
उधर, तेजस्वी यादव यूरोप दौरे पर हैं, लेकिन बिहार में राजनीतिक विवाद जारी है। हाल में उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी ने भी इस मामले पर बयान दिया था। मांझी ने कहा था कि नीतीश सरकार के राज में बेटियां सुरक्षित हैं और रोहिणी को अपनी लड़ाई खुद लड़नी चाहिए।
डॉ. दिलीप जायसवाल के बयान के बाद यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है और लालू परिवार के अंदर चल रही उठा-पटक पर राजनीतिक बहस तेज हो गई है।