Tuesday, December 16

बेटे की याद में हिंदू परिवार ने मुसलमानों को दे दी लाखों की जमीन, बिहार में इंसानियत की मिसाल

बक्सर (बिहार): बिहार के बक्सर जिले से इंसानियत और सामाजिक सौहार्द की एक अनूठी मिसाल सामने आई है। यहां एक हिंदू परिवार ने अपने इकलौते बेटे की याद में मुस्लिम समाज को कब्रिस्तान बनाने के लिए एक बीघा जमीन दान कर दी। यह कदम बिहार में भाईचारे और आपसी सौहार्द की भावना को मजबूत कर रहा है।

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मामला चौसा प्रखंड के डेवी डीहरा गांव का है। यहां के जनार्दन सिंह ने अपने 25 वर्षीय बेटे शिवम कुमार की दुखद मौत के बाद यह कदम उठाया। शिवम का निधन 18 नवंबर को देहरादून में सड़क हादसे में हुआ था। शिवम आईटी क्षेत्र से बी.टेक और एम.बी.ए. करने के बाद तीन फैक्ट्रियां चला रहे थे और परिवार उनकी शादी की तैयारी कर रहा था।

जनार्दन सिंह ने बताया कि बेटे का मणिकनिका घाट पर दाह संस्कार देखकर उन्हें पता चला कि गांव के मुस्लिम समाज को कब्रिस्तान की सुविधा में काफी कठिनाई होती है। इसी देखकर उन्होंने अपनी जमीन दान में देने का निर्णय लिया।

उनके छोटे भाई बृजनंदन सिंह ने बताया कि कब्रिस्तान का संचालन एक कमेटी करेगी, जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों सदस्य होंगे। वर्तमान में जमीन पर लगी फसल कटने के बाद उसकी आमदनी भी कमेटी के पास जाएगी, और परिवार का अब उस जमीन पर कोई हक नहीं रहेगा।

डेवी डीहरा गांव में करीब 50 मुस्लिम परिवार वर्षों से दफनाने के लिए जमीन की समस्या से जूझ रहे थे। पुराने कब्रिस्तान पर स्कूल बन जाने के कारण कई बार शव को दूर-दराज़ के गांव तक ले जाना पड़ता था और विवाद भी होते थे। अब जमीन मिलने से यह समस्या दूर हो गई है।

गांव के निवासी अलाउद्दीन ने कहा, “इस फैसले से हमारी बड़ी मुश्किल हल हो गई। ऐसे इंसान वास्तव में समाज के लिए मसीहा होते हैं।”

यह कदम न केवल व्यक्तिगत दुख को सम्मानपूर्वक याद रखने का तरीका है, बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारे की एक मजबूत मिसाल भी पेश करता है।

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