Tuesday, December 16

मुजफ्फरनगर की मदीना मस्जिद का मामला: मुअज्जिन की धमकी से मचा हड़कंप, पुलिस ने की गिरफ्तारी

मुजफ्फरनगर।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्थित मदीना मस्जिद से जुड़ा एक विवाद इन दिनों सुर्खियों में है। मस्जिद के मुअज्जिन मोहम्मद इरफान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। वीडियो में मुअज्जिन एक दरोगा को गर्दन काटने की धमकी देता नजर आया, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे शांति भंग की धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बाद में उसे जमानत मिल गई।

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यह मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मदीना चौक का है, जहां मदीना मस्जिद स्थित है। मुअज्जिन मोहम्मद इरफान ने आरोप लगाया था कि कच्ची सड़क चौकी इंचार्ज विनोद चौधरी ने अजान के दौरान लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर उसके साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की। इस आरोप से जुड़ा एक वीडियो पहले ही वायरल हो चुका था, जिसके बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के कार्यकर्ताओं ने एसएसपी को ज्ञापन सौंपकर दरोगा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

दूसरे वीडियो ने बदला पूरा मामला
पुलिस इस प्रकरण की जांच में जुटी ही थी कि इसी बीच एक और वीडियो सामने आ गया। इस वीडियो में मुअज्जिन जमीयत के कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान भावनाओं में बहकर दरोगा को जान से मारने और गर्दन काटने जैसी धमकी देता दिखाई दिया। वीडियो के सामने आते ही मामला गंभीर हो गया और पुलिस ने इसे कानून-व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा मानते हुए तुरंत एफआईआर दर्ज कर ली।

पुलिस का सख्त रुख
सीओ सिटी सिद्धार्थ मिश्रा ने बताया कि 11 दिसंबर को सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में एक व्यक्ति पुलिसकर्मी को जान से मारने की धमकी देता नजर आया। मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज किया गया और आरोपी को गिरफ्तार कर वैधानिक कार्रवाई की गई है।

दरोगा पर कार्रवाई की मांग भी तेज
मुअज्जिन की गिरफ्तारी के बाद इलाके में दो तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। एक ओर लोग धमकी को कानून का उल्लंघन बताते हुए पुलिस की कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ संगठनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि अजान के दौरान मुअज्जिन के साथ दुर्व्यवहार हुआ है, तो उस मामले में भी निष्पक्ष जांच कर दरोगा के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

फिलहाल पुलिस दोनों वीडियो और घटनाक्रम की जांच कर रही है। प्रशासन का कहना है कि कानून हाथ में लेने या धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, वहीं आरोपों की निष्पक्ष जांच कर सच सामने लाया जाएगा।

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