Tuesday, December 16

रिलायंस रिटेल लाने जा रही IPO, मुकेश अंबानी की योजना में हर साल 2,000 नए स्टोर

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी रिलायंस रिटेल को शेयर बाजार में लाने की तैयारी शुरू हो गई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज का लक्ष्य है कि 2028 तक रिटेल यूनिट का IPO लाया जाए। इसके लिए कंपनी ने प्रॉफिट वाले स्टोर विस्तार और कर्ज घटाने की रणनीति अपनाई है, ताकि वैल्यूएशन बढ़ सके।

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कर्ज घटाकर बैलेंस शीट मजबूत
रिलायंस रिटेल की नॉन-करेंट बोरोइंग वित्त वर्ष 2025 में घटकर ₹20,464 करोड़ रह गई, जबकि FY2024 में यह ₹53,546 करोड़ थी। वहीं, रिलेटेड पार्टी लोन घटकर ₹5,655 करोड़ रह गया। बचे हुए कर्ज का अधिकांश हिस्सा बैंकों से लिया गया है।

घाटे वाले स्टोर बंद, मुनाफे वाले जोड़े
पिछले दो वित्त वर्ष में घाटे वाले स्टोर बंद कर दिए गए हैं। हालांकि स्टोर बंद होना जारी रहेगा, लेकिन हर साल शुद्ध रूप से 2,000 नए मुनाफे वाले स्टोर खोले जाएंगे। सितंबर तिमाही तक देशभर में रिलायंस रिटेल के 19,821 आउटलेट्स थे, जिनमें से 412 स्टोर इसी तिमाही में जोड़े गए। इस दौरान कंपनी का राजस्व 18% बढ़कर ₹90,018 करोड़ और टैक्स के बाद मुनाफा 17% बढ़कर ₹3,439 करोड़ हुआ।

क्विक कॉमर्स और डार्क स्टोर पर जोर
रिलायंस रिटेल तेजी से बढ़ रहे क्विक कॉमर्स सेगमेंट पर भी नजर रखेगी। कंपनी हर दिन लगभग 10 लाख ऑर्डर पूरे कर रही है, जिनमें से 90% ऑर्डर 30 मिनट से कम समय में डिलीवर हो जाते हैं। इसके लिए बड़े शहरों में स्मार्ट पॉइंट ग्रोसरी स्टोर्स को डार्क स्टोर में बदला जा रहा है।

FMCG बिजनेस में बदलाव
IPO की तैयारी के तहत, रिलायंस रिटेल का FMCG बिजनेस सीधे पैरेंट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी बन गया है। इसका उद्देश्य बैलेंस शीट मजबूत करना और निवेशकों का भरोसा बढ़ाना है।

रिलायंस जियो का IPO अगले साल आने की उम्मीद है, जबकि रिटेल यूनिट की लिस्टिंग 2028 में हो सकती है। कंपनी की इस रणनीति से यह साफ है कि मुकेश अंबानी स्टोर नेटवर्क को मुनाफे में रखते हुए बाजार में बड़ा निवेश आकर्षित करना चाहते हैं।

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