
जयपुर: शादियों, पार्टियों और बारातों में खूब दिखाई देने वाला ‘नागिन डांस’ भारत में जितना पॉपुलर है, उतना ही इसके बारे में गलतफहमियां भी फैली हुई हैं। लोग अक्सर इसे राजस्थान के प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य से जोड़ते हैं, जबकि असल में यह दोनों अलग हैं।
नागिन डांस के 5 रोचक तथ्य:
- लोक नृत्य से नहीं, फिल्मों से हुई शुरुआत:
नागिन डांस की उत्पत्ति लोक परंपरा से नहीं, बल्कि 1954 की फिल्म ‘नागिन’ में बीन की धुन से हुई। शादी-ब्याह में जो डांस देखा जाता है, वह इसी फिल्म की देन है। - सांप को बीन नहीं, इंसान करते हैं डांस:
असल में बीन की धुन सांप को प्रभावित नहीं करती। सांप केवल जमीन के कंपन को महसूस कर सकते हैं। नागिन डांस पूरी तरह फिल्मी मिथक पर आधारित है। - कालबेलिया से नहीं, क्लासिकल फ्यूजन से प्रेरित:
नागिन डांस के स्टेप्स कालबेलिया डांस से नहीं, बल्कि वैजयंतीमाला के क्लासिकल भरतनाट्यम फ्यूजन से बने हैं। इसमें ‘सर्प शिर’ पोज़ को लहराने वाले मूव्स के साथ मिलाया गया। - आइकॉनिक मूव कैमरे की गलती से बना:
पहली फिल्म के शूटिंग दौरान कैमरा धीमा होने से वैजयंतीमाला के हाथों का मूवमेंट बहुत स्मूथ और सांप जैसा दिखा। डायरेक्टर ने इसे डांस का सिग्नेचर स्टेप बना दिया। - बॉलीवुड का अनऑफिशियल मीम डांस:
नागिन डांस बॉलीवुड का सबसे लंबे समय तक चलने वाला अनऑफिशियल मीम डांस है। यह 70 साल से लगातार लोकप्रिय है और भारतीय शादी-ब्याहों में अब भी किया जाता है।
निष्कर्ष:
नागिन डांस शादियों और पार्टियों की मनोरंजन की शान बन चुका है, लेकिन इसे कालबेलिया या लोक नृत्य समझना पूरी तरह सही नहीं है। यह असल में फिल्मी क्रिएशन और क्लासिकल फ्यूजन का अनूठा संगम है।