Wednesday, December 17

लोकसभा में गूंजा ‘वंदे मातरम’, खगड़िया के सांसद राजेश वर्मा ने विपक्ष को जमकर घेरा

नई दिल्ली। वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर लोकसभा में हुई चर्चा के दौरान बिहार के खगड़िया से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद राजेश वर्मा ने ऐसा भाषण दिया कि सदन से लेकर सोशल मीडिया तक उनकी बातें छा गईं। राष्ट्रगीत की ऐतिहासिक भूमिका को याद दिलाते हुए उन्होंने तुष्टिकरण की राजनीति पर विपक्ष को तीखा संदेश दिया।

This slideshow requires JavaScript.

‘वंदे मातरम सिर्फ दो शब्द नहीं… वह आज़ादी का मंत्र है’

राजेश वर्मा ने कहा कि “वंदे मातरम सिर्फ दो शब्द नहीं, बल्कि वह प्रेरक मंत्र है जिसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान करोड़ों भारतीयों के भीतर साहस, त्याग और आत्मविश्वास जगाया।”
उन्होंने बताया कि यह गीत अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ने वाले हर नौजवान की रगों में ऊर्जा भरता था।

पश्चिम बंगाल सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप

सांसद वर्मा ने अपने भाषण में पश्चिम बंगाल सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा—
“जिस भूमि ने बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय, रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद जैसे महान व्यक्तित्व दिए, वह आज तुष्टिकरण की राजनीति के बोझ तले दबती दिख रही है।”

उन्होंने आगे कहा कि राज्य में वंदे मातरम बोलने वाले को सांप्रदायिक करार दिया जाता है, जबकि घुसपैठियों को संरक्षण मिलता है।
साथ ही उन्होंने विपक्ष को बिहार चुनाव के नतीजे देखने की सलाह देते हुए कहा कि जनता अब सब जानती है कि कौन देश को जोड़ रहा है और कौन तोड़ने की कोशिश कर रहा है।

राहुल गांधी पर भी साधा निशाना

भाषण के दौरान वर्मा ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की गैरमौजूदगी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा—
“ऐसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय विषय पर चर्चा हो रही है लेकिन नेता प्रतिपक्ष सदन में नहीं हैं। इससे पता चलता है कि उनके दिल में राष्ट्र के प्रति कितनी गंभीरता है। वो हृदय नहीं, पत्थर है…”
उनके इस बयान ने सदन में हलचल मचा दी।

कौन हैं राजेश वर्मा?

  • जन्म: 15 अगस्त 1992
  • क्षेत्र: खगड़िया, बिहार
  • पार्टी: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)
    सांसद बनने से पहले वर्मा वार्ड पार्षद रहे और बाद में भागलपुर के डिप्टी मेयर का चुनाव जीता। संगठनात्मक कौशल और स्थानीय मुद्दों पर मजबूत पकड़ की वजह से वे पहली बार लोकसभा पहुंचे हैं। अपनी स्पष्टवादी शैली और युवा जोश के कारण वे चर्चा में रहते हैं।

लोकसभा में दिया गया उनका संबोधन न सिर्फ सत्ता पक्ष के लिए ऊर्जा लेकर आया, बल्कि राष्ट्रीय मुद्दों पर विपक्ष के रवैये पर भी सख्त सवाल खड़ा करता दिखा।

Leave a Reply