Wednesday, December 17

सुप्रीम कोर्ट में झूठे हलफनामे पर आज अहम सुनवाई, पुलिस कमिश्नर से कार्रवाई रिपोर्ट तलब

इंदौर। चंदन नगर थाना क्षेत्र से जुड़े एक संवेदनशील मामले में आरोपी अनवर हुसैन के आपराधिक रिकॉर्ड पर सुप्रीम कोर्ट में गलत जानकारी पेश करने के मामले ने इंदौर पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सर्वोच्च अदालत ने इस चूक को गंभीर मानते हुए इंदौर पुलिस कमिश्नर को व्यक्तिगत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। आज होने वाली सुनवाई में यह स्पष्ट करना होगा कि झूठा हलफनामा जमा करने वाले दो अधिकारियों के खिलाफ क्या विभागीय कार्रवाई की गई है।

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अदालत ने कहा—हलफनामा तथ्यों से परे

पिछली सुनवाई में जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने टीआई इंद्रमणि पटेल और एडीसीपी दिशेष अग्रवाल द्वारा जमा किए गए हलफनामे को “तथ्यों से परे” बताते हुए कड़ी टिप्पणी की थी। अदालत ने यह भी पाया कि आरोपी के खिलाफ दर्ज अपराधों की सूची में कई गलत सूचनाएँ जोड़ दी गई थीं।

इसी के बाद कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को भी मामले का पक्षकार बनाते हुए 9 दिसंबर को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था।

आठ अपराध बताए, चार में नाम ही नहीं—एक में गलत तरीके से 376 जोड़ दिया

टीआई और एडीसीपी आरोपी की जमानत का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में यह दावा कर रहे थे कि अनवर हुसैन पर आठ गंभीर मामले दर्ज हैं। लेकिन जाँच के दौरान चार मामलों में उसका नाम ही नहीं पाया गया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि एक मामले में IPC 376 (रेप) का आरोप गलत तरीके से अनवर के नाम से जोड़ा गया, जबकि वह रिकॉर्ड में किसी अन्य व्यक्ति करण पवार के खिलाफ दर्ज था और उसमें भी रेप नहीं बल्कि आर्म्स एक्ट लगाया गया था।

हाईकोर्ट में भी गलत जानकारी दोहराई गई थी

वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज सोनी के अनुसार, यह तथ्य 28 अक्टूबर 2025 को तब सामने आया जब सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस द्वारा दिए गए हलफनामे की गहराई से जांच करवाई।
इससे पहले चंदन नगर पुलिस ने हाईकोर्ट में भी आरोपी के खिलाफ आठ अपराध दर्ज होने का दावा किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में भी दोहराया गया।

लेकिन अनवर की ओर से दायर काउंटर हलफनामे में बताया गया कि उसके खिलाफ केवल चार मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक में वह बरी हो चुका है।

दबाव बढ़ा तो पुलिस ने बदला रुख

जब कोर्ट की ओर से कड़ी आपत्तियाँ दर्ज की गईं, तो पुलिस ने दूसरा हलफनामा दाखिल कर स्वीकार किया कि मंडलेश्वर और सनावद के तीन मामले किसी अन्य अनवर के खिलाफ हैं।
इसी तरह चंदन नगर थाने का कथित “रेप केस” भी गलत तरीके से आरोपी के खिलाफ दर्शा दिया गया था।

आज साफ़ होगा—कौन जिम्मेदार और क्या कार्रवाई हुई

सुप्रीम कोर्ट यह जानना चाहता है कि संबंधित अधिकारियों ने ऐसी गंभीर लापरवाही क्यों की और उनके खिलाफ प्रशासन ने अब तक क्या कदम उठाए हैं।
आज की सुनवाई में पुलिस कमिश्नर द्वारा दाखिल विस्तृत रिपोर्ट से स्थिति स्पष्ट होगी।

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