Wednesday, December 17

भारत अब पाकिस्तान के परमाणु बम से नहीं रुकेगा… पाकिस्तानी थिंक टैंक में दिखा दिल्ली की नई डॉक्ट्रिन का खौफ, क्या कहा?

इस्लामाबाद:
भारत की नई सुरक्षा रणनीति से पाकिस्तान में गंभीर चिंता का माहौल है। इस्लामाबाद स्थित सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्ट्रैटेजिक स्टडीज (CISS) ने हाल ही में एक मीडिया बयान में चेतावनी दी है कि भारत का नया सैन्य सिद्धांत दक्षिण एशिया में परमाणु हथियारों के बीच अस्थिरता पैदा करने वाला हो सकता है। पाकिस्तान के इस थिंक टैंक का मानना है कि भारत की यह रणनीति भविष्य में संकटों के दौरान तनाव को और बढ़ा सकती है, विशेषकर पाकिस्तान के खिलाफ।

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भारत का ‘न्यू नॉर्मल’ सैन्य सिद्धांत
CISS के अनुसार, भारत का “न्यू नॉर्मल” सैन्य सिद्धांत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के बहाने पाकिस्तान पर एकतरफा सैन्य हमलों को सही ठहराने का प्रयास है। यह नीति 2019 में केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई थी, और इस साल फिर से इसे लागू किया गया है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत इस सिद्धांत के तहत सीमा पार हमलों के लिए ऑपरेशन सिंदूर जैसे पारंपरिक सैन्य विकल्पों से अधिक आक्रामक हो सकता है। भारत के बढ़ते सैन्य आक्रमणों की संभावना अब पाकिस्तान के परमाणु प्रतिरोध को नजरअंदाज करने की ओर बढ़ रही है।

पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रों से नहीं रुकने का संकेत
CISS ने कहा है कि भारत का यह रुख साफ तौर पर यह संकेत देता है कि वह पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रों से डरने वाला नहीं है। यह कथित “न्यू नॉर्मल” सैन्य सिद्धांत क्षेत्रीय सैन्य संतुलन को चुनौती देता है और संभावित रूप से सुरक्षा संकटों को बढ़ा सकता है। थिंक टैंक का कहना है, “परमाणु हथियार रखने वाले देश में इस तरह की सैन्य प्रतिक्रिया को संस्थागत बनाना अस्थिरता बढ़ाने वाला है।”

पारंपरिक सैन्य क्षमता पर बढ़ते दांव का खतरा
CISS ने आगे कहा कि भारत की पारंपरिक सैन्य क्षमताओं के बढ़ने से पाकिस्तान के लिए भी खतरा बढ़ गया है। भारत ने अपने सैन्य आधुनिकीकरण के लिए पश्चिमी देशों से समर्थन प्राप्त किया है, लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि पश्चिमी शक्तियां भारत को चीन के खिलाफ खड़ा करने के लिए समर्थन दे रही हैं, जबकि भारत इस सहायता का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ बढ़ते हुए सैन्य आक्रमणों के लिए कर रहा है।

न्यूक्लियर बैलेंस पर असर
इस्लामाबाद का कहना है कि भारत की बढ़ती सैन्य क्षमताएं और उसकी सैन्य नीति, क्षेत्रीय न्यूक्लियर बैलेंस को खतरे में डाल सकती हैं। यह उन पुराने सिद्धांतों को चुनौती देती है, जिसमें माना जाता था कि परमाणु शक्तियों के बीच संतुलन ही युद्ध को रोकने वाला सबसे बड़ा कारण था। CISS ने इस पर चिंता जताई कि भारत की ‘लिमिटेड वॉर’ रणनीति न केवल पाकिस्तान के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए जोखिम पैदा कर सकती है।

निष्कर्ष
पाकिस्तानी थिंक टैंक का यह तर्क भारत की नई सुरक्षा नीति के खिलाफ गंभीर चिंता का संकेत है। यदि भारत अपने सैन्य आक्रमणों के लिए इस नए “न्यू नॉर्मल” सिद्धांत को लागू करता है, तो यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है। अब यह देखना होगा कि क्या अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस खतरे को समझता है और इसे नियंत्रित करने के लिए किस तरह के कदम उठाएगा।

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