Wednesday, December 17

हॉक फोर्स की खुफिया चाल से नक्सलवाद हुआ बेहाल, MP पुलिस ने हिला डाला पूरा KB डिवीजन

बालाघाट (MP): मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में नक्सलियों के खिलाफ हॉक फोर्स की विशेष इंटेलिजेंस रणनीति ने कमाल कर दिखाया है। शहीद इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की शहादत के बाद शुरू हुए संयुक्त अभियान ने कान्हा-भोरमदेव (KB) डिवीजन में नक्सल नेटवर्क को तोड़ दिया, जिससे इलाके में शांति लौट रही है।

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ऑपरेशन रिवेंज और नक्सलियों का पतन
इंस्पेक्टर आशीष शर्मा, जिन्हें दो वीरता पदक मिल चुके थे, छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र त्रि-जंक्शन पर मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। उनकी शहादत के बाद हॉक फोर्स, MP पुलिस, महाराष्ट्र कमांडो और छत्तीसगढ़ पुलिस ने मिलकर ‘ऑपरेशन रिवेंज’ चलाया। इस ऑपरेशन के तहत नक्सलियों के कैंपों पर लगातार दबाव बनाया गया और उनके नेता अलग-थलग पड़ गए।

मुख्यमंत्री मोहन यादव का मास्टर प्लान
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की कि जनवरी 2026 तक मध्य प्रदेश नक्सल-मुक्त होगा। इसके लिए 15 नए अस्थायी कैंप और 882 स्पेशल सपोर्ट स्क्वॉड पोस्ट मंजूर किए गए हैं। दिंडोरी और मंडला जिले पहले ही नक्सल-मुक्त घोषित हो चुके हैं, और अब बालाघाट अगला लक्ष्य है।

सीएम मोहन यादव बोले:
“नक्सलवाद अब पुरानी कहानी बन चुका है; हम विकास की नई इबारत लिख रहे हैं। यह रणनीति सिर्फ सैन्य बल पर ही नहीं, बल्कि इंटेलिजेंस और पुनर्वास पर भी केंद्रित है।”

कान्हा-भोरमदेव क्षेत्र में शांति की लहर
कभी नक्सल गतिविधियों का केंद्र रहे कान्हा और भोरमदेव के जंगल अब पर्यटन और विकास के लिए सुरक्षित बन रहे हैं। नक्सल प्रभाव कम होने से स्थानीय ग्रामीणों को राहत मिली है और स्कूल, अस्पताल, सड़कें अब सुरक्षित हैं।

हॉक फोर्स कमांडेंट शियाज केएम ने कहा, “हमारी खुफिया रणनीति ने नक्सलियों को मध्य प्रदेश एजेंसियों पर भरोसा दिलाया, जिससे उनका सरेंडर प्रक्रिया में आने का मन हुआ। यह बदलाव पूरे दंडकारण्य क्षेत्र में शांति की नई उम्मीद लेकर आया है।”

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