
बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर दंपती मेघा क्षीरसागर और संगम दास के लिए उनकी रिसेप्शन नाइट बेहद अनोखी साबित हुई। इंडिगो की फ्लाइट बार-बार लेट होने के बाद आखिरकार कैंसिल हो गई, जिसके चलते नवविवाहित कपल हुबली पहुंच ही नहीं पाया। नतीजा यह हुआ कि उन्हें अपने ही रिसेप्शन में ‘वर्चुअली’ शामिल होना पड़ा।
1000 किलोमीटर दूर फंस गया कपल
3 दिसंबर को होने वाले रिसेप्शन के लिए कपल 2 दिसंबर को भुवनेश्वर से हुबली आने वाला था, लेकिन इंडिगो एयरलाइन के परिचालन संकट के चलते उनकी फ्लाइट रद्द कर दी गई। इसके बाद दोनों भुवनेश्वर में ही फंसे रह गए, जबकि हुबली में वेन्यू सज चुका था और मेहमान पहुंच चुके थे।
दुल्हन के पिता ने निकाला अनोखा समाधान
जब कपल का आना असंभव लगने लगा, तो दुल्हन के पिता अनिल कुमार क्षीरसागर ने तुरंत एक बड़ी स्क्रीन का इंतजाम करवाया। वीडियो कॉल के जरिए दूल्हा-दुल्हन ने मेहमानों से बात की, वहीं दुल्हन के माता-पिता ने नवविवाहितों की ओर से सभी रस्में निभाईं।
दुल्हन के पिता ने बताया,
“फ्लाइट बार-बार लेट हो रही थी और शाम 4 बजे कैंसिल घोषित कर दी गई। ऐसे में रिसेप्शन को रद्द करना विकल्प नहीं था, इसलिए वर्चुअल रिसेप्शन करवाया।”
इंडिगो की लगातार कैंसिलेशन पर उठे सवाल
लगातार फ्लाइट कैंसिलेशन और देरी का यह मामला देशभर में यात्रियों को हो रही परेशानी का एक और उदाहरण है। दुल्हन के पिता ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि
“सिर्फ इंडिगो को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। सरकार को समझना चाहिए कि आम लोग फ्लाइट सिर्फ इमरजेंसी में लेते हैं। जनता की परेशानियों को गंभीरता से समझने की जरूरत है।”
“हम भी वीआईपी हैं, क्योंकि टैक्स देते हैं”
उन्होंने आगे कहा—
“जब पीएम की फ्लाइट कैंसिल होती है तो उन्हें हेलीकॉप्टर से ले जाया जाता है। आम लोगों के लिए ऐसा क्यों नहीं? हमारी भी इमरजेंसी हो सकती है। सरकार को यात्रियों की समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। हम भी टैक्स देते हैं, इसलिए हम भी वीआईपी हैं।”
मेहमानों ने जमकर उड़ाई दावत
कपल के न पहुंच पाने के बावजूद मेहमानों ने पूरे उत्साह से कार्यक्रम में शिरकत की। खाने-पीने का पूरा इंतजाम था, और बड़े स्क्रीन पर दिख रहे दूल्हा-दुल्हन को सभी ने शुभकामनाएं दीं।