Friday, December 19

“AI टेडी बियर ने बच्चों से की ‘गंदी बातें’, OpenAI ने लिया सख्त कदम, पैरंट्स के लिए चेतावनी”

न्यूयॉर्क: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब बच्चों के खिलौनों में भी आ चुका है, लेकिन इसके साथ गंभीर चिंताएँ भी जुड़ी हैं। अमेरिका में हाल ही में एक AI टेडी बियर ‘कुम्मा’ ने बच्चों से हिंसक और अनुचित बातें करनी शुरू कर दी। यह खिलौना OpenAI के मॉडल पर चलता था। घटना सामने आने के बाद OpenAI ने तुरंत इस खिलौने वाली कंपनी पर कार्रवाई की और उसे सस्पेंड कर दिया।

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मामला गंभीर इसलिए भी है क्योंकि AI खिलौने सिर्फ बातें ही नहीं करते, बल्कि बच्चों की आवाज और बातचीत भी रिकॉर्ड करते हैं। कई बार यह डेटा थर्ड पार्टी कंपनियों तक भी पहुंच जाता है। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, कुछ AI खिलौने OpenAI और Perplexity AI जैसे प्लेटफॉर्म तक बच्चों की बातचीत भेजते हैं। चीन में 1,500 से ज्यादा AI खिलौने बनाने वाली कंपनियां इसी तरह डेटा सरकार तक भेजती हैं।

पैरंट्स और एक्सपर्ट की चिंता:

  • बच्चों का सामाजिक और मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है, क्योंकि वे असली दुनिया में लोगों से बातचीत कम करेंगे।
  • AI खिलौने बच्चों को हर समय खुश करने की कोशिश करते हैं, लेकिन असली दुनिया की समस्याओं से निपटना नहीं सिखाते।
    करीब 80 संगठनों ने पैरंट्स को चेतावनी दी है कि गिफ्ट खरीदते समय AI खिलौनों से बचें।

फायदे भी हैं:
कुछ AI खिलौने बच्चों की भाषा और संवाद क्षमता सुधारते हैं, पढ़ाई को मजेदार बनाते हैं और स्क्रीन टाइम कम करने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, माइको-3 जैसे रोबॉट बच्चों की भावनाओं को समझने में सहायक होते हैं।

नियम और सुरक्षा:
यूरोपीय संघ ने 2025 से AI खिलौनों को ‘हाई-रिस्क’ कैटेगरी में रखा है, जिससे कंपनियों को इसे बाजार में लाने से पहले सुरक्षा और डेटा पॉलिसी की जांच करनी होगी। भारत में फिलहाल ऐसे खिलौनों पर कोई अलग कानून नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि पैरंट्स को किसी भी स्मार्ट या AI खिलौना खरीदने से पहले उसकी प्राइवेसी पॉलिसी और सुरक्षा फीचर जरूर जांचने चाहिए।

निष्कर्ष: AI खिलौने मनोरंजन और शिक्षा में मददगार हो सकते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा और बच्चों पर प्रभाव को नजरअंदाज करना गंभीर खतरा है।

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