Friday, December 19

नीतीश सरकार में असली ‘पावर फैक्टर’ कौन? जानिए किसके हाथ में है हर ताले की चाबी और किस विभाग का होगा जलवा

पटना: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद अब अंदरूनी खींचतान और पावर बंटवारे पर बहस तेज है। कहा जा रहा है कि बीजेपी ने गृह विभाग अपने पास कर लिया है, लेकिन असली ताकत अभी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथ में है।

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गृह विभाग और सामान्य प्रशासन का खेल

बीजेपी ने गृह विभाग हासिल किया है, ताकि प्रशासनिक और कानून व्यवस्था के मामले में शक्ति का संकेत दिया जा सके। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामान्य प्रशासन अपने पास रख कर हर ताले की चाबी अपने हाथ में रख ली है। इससे आईएएस अधिकारियों की पोस्टिंग, प्रोन्नति और विभागीय ट्रांसफर सीधे उनके नियंत्रण में हैं।

गृह मंत्री और गृह सचिव के बीच किसी भी विवाद में मामला सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचता है। यही वजह है कि प्रशासन पर असली पकड़ अभी भी नीतीश कुमार की मुट्ठी में है।

अधिकारियों पर नकेल

नीतीश कुमार की कार्यशैली में सचिवों के माध्यम से विभागों की निगरानी प्रमुख भूमिका निभाती है। जब किसी विभाग में गड़बड़ी होती है, तो सचिव ही रिपोर्ट तैयार करते हैं और आवश्यकतानुसार फाइल सीधे मुख्यमंत्री को भेजी जाती है। खासकर राजस्व और कानून-व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण विभागों में यह सिस्टम सख्ती और पारदर्शिता बनाए रखता है।

बीजेपी के लिए राजनीतिक संदेश

बीजेपी गृह विभाग लेकर यह संदेश देना चाहती है कि वह सत्ता में मज़बूत है। गृह विभाग के साथ लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी अब उनके हाथ में है। अगर क्राइम पर नियंत्रण रखा गया तो यह नीतीश कुमार की शांति पसंद वोटरों पर पकड़ भी मजबूत करेगा। लेकिन असफल रही तो बीजेपी को ‘जंगलराज’ का राजनीतिक नारा झेलना पड़ सकता है।

निष्कर्ष

हालांकि बीजेपी ने गृह विभाग अपने पास रखा है, असली शक्ति और प्रशासनिक नियंत्रण नीतीश कुमार के पास ही है। गृह विभाग लेने के बावजूद लॉ एंड ऑर्डर का असली ग्रिप मुख्यमंत्री के हाथ में बने रहने से बिहार में राजनीतिक और प्रशासनिक संतुलन उनके ही पक्ष में रहेगा।

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