Thursday, December 18

सफलता की मिसाल: गृहस्थी से मिली फुर्सत, YouTube से सीखा व्यवसाय, अब सालाना ₹40 लाख का टर्नओवरनई दिल्ली: अमित शुक्ला

दिल्ली की सुमन सुखीजा की कहानी उन महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो परिवार और घर की जिम्मेदारियों में अपने सपनों को पीछे छोड़ देती हैं। सुमन ने अपने खाली समय को अवसर में बदलकर ‘ऑरेंज हर्ब’ नामक वेलनेस ब्रांड की शुरुआत की, जो आज सालाना 40 लाख रुपये का कारोबार कर रहा है।

This slideshow requires JavaScript.

यूट्यूब से मिली प्रेरणा
सुमन सुखीजा का जीवन लंबे समय तक एक सामान्य गृहिणी के रूप में चला। बच्चों की परवरिश और घरेलू जिम्मेदारियों में वह पूरी तरह व्यस्त थीं। लेकिन जब उनके बच्चे बड़े होकर आत्मनिर्भर हो गए, तब उन्हें अपने खाली समय को रचनात्मक रूप देने का विचार आया। 45 वर्ष की उम्र में उन्होंने मशरूम की खेती के लिए उत्सुकता दिखाई। यूट्यूब पर मशरूम की खेती के वीडियो देखकर उन्होंने इसके बारे में गहराई से जाना और पाँच दिन का विशेष प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें विशेष रूप से कॉर्डिसेप्स मिलिटैरिस नामक औषधीय मशरूम ने प्रभावित किया।

छोटे कमरे से शुरू हुई प्रयोगशाला
फरवरी 2018 में प्रशिक्षण पूरा कर सुमन ने अपने घर के 10×10 फीट के कमरे को प्रयोगशाला में बदल दिया। शुरुआती प्रयास में उनका पहला बैच बर्बाद हो गया और 11 लाख रुपये का निवेश डूब गया। लेकिन सुमन ने हार नहीं मानी। उन्होंने साफ-सफाई और वैज्ञानिक प्रक्रियाओं को अपनाकर मेहनत जारी रखी। पहली सफल कटाई के बाद उन्होंने महसूस किया कि सीखना और धैर्य रखना सफलता की कुंजी है।

2020 में दिल्ली के द्वारका में एक बड़ी 250 वर्ग फीट की प्रयोगशाला स्थापित करने के बाद उत्पादन बढ़ाया गया। बेटे राहुल के सहयोग से ऑपरेशंस और मैनेजमेंट को भी बेहतर बनाया गया। ग्राहकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद 2021 में ‘ऑरेंज हर्ब’ ब्रांड लॉन्च किया गया। आज यह ब्रांड प्रति साइकिल 16-20 किलो कॉर्डिसेप्स मशरूम का उत्पादन करता है और सालाना 40 लाख रुपये का टर्नओवर करता है।

सुमन ने 2019 से इच्छुक उद्यमियों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए, जिसमें अब तक एक हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया है। कई प्रशिक्षु अब अपनी प्रयोगशालाएं सफलतापूर्वक चला रहे हैं।

भविष्य की बड़ी योजनाएं
आज सुमन गृहिणी से उद्यमी, प्रशिक्षक और मेंटर बन चुकी हैं। उनकी टीम में पांच लोग हैं और ब्रांड के उत्पाद अब केसर और माइक्रोग्रीन्स तक विस्तारित हो चुके हैं। उनका मानना है कि अनुशासन और दृढ़ संकल्प किसी भी व्यवसाय की सफलता की नींव हैं।

सुमन सुखीजा की कहानी यह संदेश देती है कि उद्यमिता की शुरुआत बड़े सपनों से नहीं, बल्कि अपने खाली समय को सार्थक कदम में बदलने के छोटे निर्णय से होती है। यही छोटे कदम हजारों जीवन को बदलने की क्षमता रखते हैं।

Leave a Reply