Tuesday, December 16

भारत की लैटिन अमेरिका में बड़ी चाल: पेरू-चिली के साथ व्यापार वार्ता, मजबूत होगी आर्थिक पकड़

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नई दिल्ली: भारत ने लैटिन अमेरिकी देशों पेरू और चिली के साथ व्यापार समझौतों को लेकर दो बड़े दौर की सफल वार्ताएं पूरी कर ली हैं। इन बैठकों का उद्देश्य दोनों देशों के साथ व्यापक आर्थिक सहयोग और गहरे व्यापारिक संबंध स्थापित करना है। इससे खनिज, फार्मा, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में नए अवसर खुलने की उम्मीद है।

भारत-पेरू व्यापार वार्ता:
भारत और पेरू के बीच 9वें दौर की ट्रेड एग्रीमेंट वार्ता 3 से 5 नवंबर तक लीमा में आयोजित की गई। इस बैठक में वस्तु एवं सेवा व्यापार, तकनीकी अवरोध, सीमा शुल्क प्रक्रिया, विवाद समाधान और क्रिटिकल मिनरल्स (महत्वपूर्ण खनिज) जैसे अहम विषयों पर चर्चा हुई।
पेरू की विदेश व्यापार एवं पर्यटन मंत्री तेरेसा स्टेला मेरा गोमेज़ और उपमंत्री सेजर ऑगस्टो ल्योना सिल्वा ने इस वार्ता के समापन समारोह में भाग लिया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संयुक्त सचिव और मुख्य वार्ताकार विमल आनंद ने किया, जबकि भारत के पेरू में राजदूत विश्वास विदु सापकल भी मौजूद रहे।
मंत्री गोमेज़ ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा, जबकि राजदूत सापकल ने बताया कि यह खनिज, फार्मा, ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में नए अवसर खोलेगा।
पेरू के साथ 10वें दौर की वार्ता जनवरी में नई दिल्ली में प्रस्तावित है।

भारत-चिली आर्थिक साझेदारी:
भारत और चिली के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) की तीसरी वार्ता 27 से 30 अक्टूबर 2025 तक सैंटियागो में संपन्न हुई। बैठक में वस्तु और सेवा व्यापार, निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार, तकनीकी मानक (TBT/SPS), आर्थिक सहयोग और क्रिटिकल मिनरल्स जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
दोनों पक्षों ने इस वार्ता को समयबद्ध तरीके से निष्कर्ष तक पहुंचाने के संकल्प को दोहराया। यह समझौता बाजार पहुंच बढ़ाने, सप्लाई चेन को मजबूत करने और आर्थिक एकीकरण को गहरा करने का लक्ष्य रखता है।

विशेष संकेत:
इस तरह की सफल व्यापार वार्ताओं से भारत की लैटिन अमेरिकी देशों में आर्थिक पकड़ मजबूत होगी और नई निवेश एवं निर्यात संभावनाओं के रास्ते खुलेंगे।

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